सुबह - सुबह टीवी
खोला तो सभी प्रमुख समाचार चैनलों में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के साथ ही ये ख़बर भी
प्रमुखता से थी कि आर्म्स एक्ट में दोषी करार संजय दत्त की पहली रात आर्थर रोड जेल
में कैसी गुजरी..? मसलन पहली रात किस
बैरक में गुजरी..? संजय दत्त को नींद
आई कि नहीं..? नाश्ते में संजय
दत्त ने क्या खाया..?
वगैराह वगैराह..!
समाचार चैनलों के
अनुसार संजय दत्त ने पहली रात बैरक नंबर 12 में अकेले काटी। साथ में ये भी बताया
जा रहा था कि संजय दत्त रातभर सो नहीं सके। सुबह उठकर संजय दत्त ने नाश्ते में
पोहा खाया ये ख़बर भी सभी समाचार चैनलों की सुर्खियों में थी।
शुक्र है कि समाचार
चैनल संजय दत्त के नाश्ते तक ही सीमित थे और साथ में ये नहीं बता रहे थे कि संजय
दत्त ने एक दिन पहले क्या खाया था..?
टीवी देखते हुए अजीब
सी उलझन के साथ ही कई सवाल जेहन में उठ रहे थे कि गैरकानूनी कार्यों में लिप्त
रहने पर देश की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए गए एक अपराधी के पीछे आखिर
क्यों सब इतने दीवाने हो रहे हैं..?
इस सब को देखकर ऐसा
लगने लगा है कि मानो संजय दत्त निर्दोष है और संजय दत्त को बिना किसी अपराध के जेल
में डाल दिया गया है..! ऐसे लाखों मुल्जिम भारतीय जेलों में बंद हैं जिनके मामले विभिन्न अदालतों पर
सालों से लंबित हैं..! वे मुजरिम नहीं ठहराए जाने के बाद भी किसी अपराधी की तरह सजा काट रहे हैं
लेकिन ऐसे मुल्जिमों के लिए तो कोई आवाज़ नहीं उठाता..! संजय दत्त के मामले
में ऐसा हो रहा है सिर्फ इसलिए कि वे एक मशहूर फिल्म अभिनेता हैं..!
मैं व्यक्तिगत तौर
पर संजय तक का प्रशंसक हूं और दत्त के अभिनय का कायल हूं...संजय दत्त की शायद ही
कोई फिल्म होगी जो मैंने न देखी हो लेकिन इसके बाद भी मैं संजय दत्त ने जो अपराध
किया है...जिसके लिए वे दोषी भी ठहराए जा चुके हैं उस अपराध के लिए संजय दत्त को
मिली सजा को माफ करने की मांग करने वालों की सूची में शामिल नहीं हूं और न ही संजय
दत्त के इस आपराधिक कृत्य को लेकर मेरे मन में संजू बाबा के लिए जरा सी भी सहानुभूति
है।
समझ नहीं आ रहा है
कि आखिर क्यों संजय दत्त को मीडिया में इस तरह का ट्रीटमेंट दिया जा रहा है कि
जिससे लोगों के मन में ये भाव उठने लगे कि संजय दत्त निर्दोष हैं..? संजय दत्त की सजा
माफ कर देनी चाहिए..?
एक अपराधी को आखिर इतनी अहमियत क्यों दी जा रही है..?
सिर्फ मीडिया ही
नहीं विभिन्न क्षेत्रों के बड़े बड़े दिग्गज भी संजय दत्त की पैरवी को तैयार बैठे
हैं क्यों..? क्योंकि संजय दत्त
एक जानी मानी फिल्मी हस्ती है इसलिए..?
मैं खुद पत्रकारिता
से जुड़ा हुआ हूं लेकिन फिर भी मुझे ये कहने में कोई संकोच नहीं है कि संजय दत्त
से जुड़ी ख़बरों को लेकर मीडिया में जो सक्रियता दिखाई दे रही है वह पत्रकारिता के
लिहाज से ठीक तो नहीं कही जा सकती..!
पत्रकारिता से जुड़े
मेरे कुछ संगी साथियों को शायद ये बात पसंद न आए..! लेकिन क्या ये वास्तव में दर्शकों को ब्रेकिंग
न्यूज के रुप में दिखाया या बताया जाना चाहिए कि जेल में रात को संजय दत्त को नींद
आई कि नहीं..! संजय दत्त ने सुबह नाश्ते में क्या खाया..?
ठीक है न...एक
अपराधी को उसके किए अपराध के लिए सजा मिल गयी...वो जेल चला गया...! क्यों एक अपराधी का
इतना महिमा मंडन हो रहा है कि दर्शकों को ये लगने लगे कि यार संजय दत्त तो निर्दोष
है...दत्त की सजा माफ कर दी जानी चाहिए..!
121 करोड़ की आबादी
वाले भारत में जन समस्यों का बड़ा अंबार है...जनता से जुड़े ऐसे लाखों मुद्दे हैं
जिन्हें एक सशक्त आवाज और माध्यम की जरुरत है..! जेल में बंद संजय दत्त के नाश्ते में पोहे की
ख़बरों की बजाए मीडिया के कैमरे उस तरफ की तस्वीर जनता के साथ ही सरकार को दिखाए
और सरकार से जवाब मांगे तो शायद जनता की आधी से ज्यादा समस्याओं का हल चुटकी में निकल
आए..!
जहां तक बात किसी भी
अपराधी कि है तो उसे उसके कर्मों की सजा मिलनी ही चाहिए फिर चाहे वो अपराधी कसाब हो, या
फिर संजय दत्त..!
deepaktiwari555@gmail.com
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