केन्द्रीय मंत्री सलमान
खुर्शीद को टीवी पर सुनकर एक बार फिर से “दीवार” फिल्म में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर के उस दृश्य की याद ताजा कर दी जब पुलिस
इंस्पेक्टर शशि कपूर अपने बड़े भाई अमिताभ बच्चन के तीखे तंज “मेरे पास गाड़ी है,
बंगला है, दौलत है, तेरे पास क्या है..?” के जवाब में कहता है कि “मेरे पास मां है”। शशि कपूर का
फिल्मी संवाद तो मां के वास्तवित प्रेम को दर्शाता है और मां की ममता की ताकत को बताता
है, लेकिन हमारे विदेश मंत्री माननीय सलमान खुर्शीद साहब को सुनकर तो चाटुकारिता की
महक ज्यादा आई बजाए इसके कि ये उनका “सोनिया मां” के प्रति प्यार है।
दरअसल अलग अलग मौकों
पर गांधी परिवार की भक्ति को चाटुकारिता के तड़के से सजाने वाले सलमान खुर्शीद
साहब ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि सोनिया गांधी सिर्फ राहुल गांधी की नहीं
बल्कि पूरे देश की मां है। बात यहीं खत्म हो जाती तो ठीक था, राहुल के अलावा पीएम
के लिए किसी दूसरे नाम के सवाल पर भी खुर्शीद साहब सोनिया भक्ति में ही डूबे दिखाई
दिए। खुर्शीद साहब ने फरमाया कि सोनिया जी का निर्णय ही विकल्प होगा, जब आएगा तब
पता चल जाएगा। ये उसी कांग्रेस पार्टी के नेता का बयान है, जो किसी राज्य के
मुख्यमंत्री या फिर प्रधानमंत्री के नाम का चुनाव पार्टी में सर्वसम्मति से होने
का दावा करती है, हालांकि इस दावे में कितनी हकीकत है, इसे आज खुर्शीद साहब ने
बयां कर ही दिया।
चाटुकारिता का तड़का
लगाने में कई और कांग्रेसी भी माहिर हैं, जिनमें से एक नाम मणिशंक्कर अय्यर का भी
है, राहुल के अलावा पीएम उम्मीदवार कौन के सवाल पर अय्यर साहब का जवाब भी खुर्शीद
साहब की चरह चाटुकारिता से भरपूर था। अय्यर साहब बोले कि कांग्रेस में राहुल गांधी
के अलावा उनकी(राहुल) मां ही पीएम पद की उम्मीदवार हो सकती है और कोई नहीं।
खुर्शीद साहब और
अय्यर साहब के बयान का ये मतलब कतई नहीं निकाला जाना चाहिए कि कांग्रेस में कोई और
नेता पीएम बनना ही नहीं चाहता। हसरतें तो जाने कितनों की होगी लेकिन अफसोस अपनी
हसरतों का बयां करने की हिम्मत शायद किसी भी कांग्रेसी नेता में नहीं है। होती तो
हर मंच पर कांग्रेसी नेता राहुल गांधी के अलावा किसी और को 2014 में पीएम के रूप
में देखना पसंद न करने की बात न कहते। देखा जाए तो कांग्रेसी नेता हैं बड़े
दिलवाले। पीएम बनने की हसरत तो हर कोई रखता है लेकिन इसके बाद भी पीएम के सवाल पर राहुल
और सोनिया के अलावा किसी और का नाम तक जुबां पर नहीं लाते। इनके लिए तो बस इतना ही
कह सकते हैं - लगे रहो नेता जी, लगे रहो, मां की भक्ति का आशीर्वाद अवश्य मिलेगा !
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