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रविवार, 12 मई 2013

नवाज शरीफ के स्वागत को बेचैन मनमोहन..!


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इतनी त्वरित प्रतिक्रिया इससे पहले तो कभी नहीं देखी। अक्सर खामोश रहने वाले हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अहम मसलों पर भी अपनी चुप्पी तोड़ने में भी कई हफ्ते लगा देते हैं लेकिन पाकिस्तान में आम चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलने पर मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान नवाज शरीफ को बधाई देने में देर नहीं की। इतना ही नहीं लगे हाथ नवाज शरीफ को भारत आने का न्यौता भी दे दिया।
ज्यादा दिन नहीं हुए हैं जब पाक की कोट लखपत जेल में कैद भारतीय कैदी सरबजीत की साथी कैदियों की पिटाई के बाद लाहौर के जिन्ना अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी..! सरबजीत की मौत एक सामान्य मौत तो थी नहीं ऐसे में पाक की नीयत पर सवाल उठने लाजिमी थे। (जरुर पढ़ें- कब तक आंख रोएगी..?)
इससे पहले भारतीय सीमा में घुसपैठ पर भारतीय सैनिकों के सिर कलम करने की पाक सैनिकों की घटना को भी इतनी आसानी से नहीं भुलाया जा सकता..! पाक की नापाक करतूतों की फेरहिस्त तो काफी लंबी है लेकिन इन दोनों वाक्यों की ही अगर बात करें तो शायद आपको याद होगा की हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कभी इतनी त्वरित प्रतिक्रिया इन मामलों पर नहीं दी।
पाक की नापाक करतूत तो छोड़िए दिल्ली गैंगरेप और यूपीए सरकार के एक के बाद एक उजागर होते भ्रष्टाचार के मामले और घोटालों पर भी मनमोहन सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ने के लिए भी मानो हर बार किसी शुभ मुहूर्त का ही इंतजार किया..! जिस पाकिस्तान की नापाक करतूतों पर पूरा देश आक्रोशित था उस पर भी प्रधानमंत्री की चुप्पी हर बार लंबे इंतजार के बाद ही टूटी लेकिन नवाज शरीफ की पार्टी को पाकिस्तान के आम चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें मिलने पर बधाई देने और नवाज शरीफ को भारत आने का न्यौता देने के लिए प्रधानमंत्री का उतावलापन समझ से बाहर है..!
नवाज शरीफ को बधाई देने तक तो समझ में आता है लेकिन प्रधानमंत्री जी शरीफ को भारत आने का न्यौता क्यों..? क्या जिस तरह भारतीय सीमा में घुसकर भारतीय सैनिकों के सिर कलम करने के बाद सरकार ने पाक प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को शाही लंच दिया उसी तरह क्या अब सरबजीत की पाक जेल में साजिशन हत्या के बाद अब आप नवाज शरीफ को भारत बुलाकर उनकी पीठ ठोकना चाहते हैं..? (जरुर पढ़ें- और कितने थप्पड़ खाओगे..?)
एक बार नहीं पाक ने हर बार भारत के दोस्ती के हाथ को थामने के बाद भारत की पीठ पर धोखे से वार किया है..! फिर भी आपको उम्मीद है कि पाक के साथ दोस्ती की गाड़ी उस रास्ते पर बिना रुके आगे बढ़ पाएगी जिस राह पर हर कदम पर बम धमाके, दगाबाजी, चालबाजी, दोहरा चरित्र और भारत की शांति को भंग करने की साजिश की लैंड माइन बिछी हुई है..!
प्रधानमंत्री जी काश इतना उतावलापन आपने देश के भीतर के अहम मसलों को सुलझाने पर और अपनी सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार और घोटालों पर लगाम कसने के लिए दिखाया होता तो शायद आज देश की तस्वीर कुछ और ही होती लेकिन अफसोस आपको भारत को हर कदम पर लहूलुहान करने वाले पाकिस्तान पर ज्यादा भरोसा है..!

deepaktiwari555@gmail.com

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