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गुरुवार, 16 मई 2013

यहां सब कुछ फिक्स है..!


जिस खेल ने करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के प्यार के साथ ही दौलत और शोहरत दी उस खेल की आत्मा का ही सौदा कर दिया..! पैसों के लिए उन करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की भावना से तक खिलवाड़ करने में गुरेज नहीं किया जो क्रिकेट मैच की हर एक गेंद पर रोमांचित हो उठते हैं..! हर गेंद पर उनके दिल की धड़कनों को चरम पर पहुंचा देती है लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि हर एक गेंद का सौदा तो पहले ही किया जा चुका है..!
कौन से गेंद वाईड होगी..? कौन सी गेंद नो बॉल...किस गेंद पर छक्का पड़ेगा..? ये सब तो पहले से ही फिक्स है..! यहां गेंदबाज सामने खड़े बल्लेबाज का विकेट लेकर अपनी टीम को मैच में जीत दिलाकर क्रिकेट प्रेमियों का दिल नहीं जीतना चाहता बल्कि उसे तो हर एक खराब गेंद फेंकने के लिए चाहिए लाखों रुपए। वैसे भी जब एक ओवर की सभी 6 खराब गेंद फेंकने के लिए 60 लाख रुपए मिल रहे हों तो क्यों न ऐसा किया जाए..?
हिंदुस्तान में क्रिकेट ही एक ऐसा खेल है जिसे लोग धर्म से बड़ा मानते हैं। करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के लिए ये मायने नहीं रखता कि सामने वाला खिलाड़ी किस धर्म, जाति या राज्य से है..! करोड़ों क्रिकेट प्रेमी उस खिलाड़ी की हौसला अफजाई करते हैं...साथ ही करते हैं भारत की जीत की दुआ। लेकिन भोले भाले क्रिकेट प्रेमी ये नहीं जानते कि जिन खिलाड़ियों पर वे जान लुटा रहे हैं उनका इमान पैसों के लिए इतना डोल चुका है कि वे खेल की आत्मा तक का सौदा करने में तक नहीं हिचकते..!
आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों एस श्रीशांत, अंकित चौहान और अजीत चंदीलीया की स्पॉट फिक्सिंग में गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के भरोसे को तोड़ के रख दिया है।  
हालांकि ये पहली बार नहीं हुआ है जब फिक्सिंग की कालिख ने इस खेल का मुंह काला किया है..! इससे पहले भी पैसों के लिए खेल की आत्मा का सौदे की ख़बरें क्रिकेट प्रेमियों के भरोसे को तोड़ती रही हैं लेकिन सब भुला कर दर्शकों ने हर बार इस खेल को और खिलाड़ियों को सम्मान और प्यार दिया है..! आईपीएल के हर मैच में खचाखच भरे स्टेडियम ये बताने के लिए काफी हैं कि इस खेल का रोमांच किस कदर क्रिकेट प्रेमियों के सिर चढ़कर बोलता है..!
2000 में क्रिकेट के इस काले खेल का खुलासा उस वक्त हुआ था जब दिल्ली पुलिस ने दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए और एक बुकी के बीच बातचीत को ट्रेस किया था जिसमें क्रोनिए की मैच हारने के लिए बुकी से पैसे लेने की बात सामने आयी थी। क्रोनिए से शुरु हुई जांच में निकी बोए और हर्शल गिब्स के साथ ही पाकिस्तान के सलीम मलिक, भारत के मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय जडेजा का नाम सामने आया था।
उस वक्त इन खिलाड़ियों पर आईसीसी की कार्रवाई के बाद लगने लगा था कि भविष्य में शायद खिलाड़ी फिक्सिंग की काली परछाई से खुद को दूर रखेंगे लेकिन पैसों का लालच फिर से खेल भावना पर भारी पड़ता दिखा 2010 में जब इंग्लैंड दौरे में गयी पाकिस्तान टीम के तीन खिलाड़ी मोहम्मद आसिफ, सलमान बट्ट और मोहम्मद आमिर फिक्सिंग के दोषी पाए गए।
इन तीनों को भी सजा मिल गयी...क्रिकेट प्रेमी भी शायद इसे भुला बैठे थे लेकिन आईपीएल के रोमांच के बीच अचानक फिर से प्रकट हुई फिक्सिंग की काली परछाई ने एक बार फिर से भरोसे की डोर को तोड़ के रख दिया...जिसे फिर से जोड़ना राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट संस्थाओं के लिए आसान नहीं होगा..!


deepaktiwari555@gmail.com

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