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शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

अफजल....कसाब औऱ......

अफजल....कसाब औऱ......



मुंबई पर एक बार फिर से आतंकी हमला....तीन अलग – अलग जगहों पर 18 मासूम असमय ही मौत के मुंह में समा जाते हैं....औऱ 100 से ज्यादा लोग अस्पताल में जिंदगी औऱ मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं....ऐसे में हमारे प्रधानमंत्री मुंबई जाते हैं....एक बार फिर से दोहराते हैं....मुंबई के दोषी बचेंगे नहीं....असल में प्रधानमंत्री जी कहना चाहते हैं...कि दोषियों को हर हाल में गिरफ्तार किया जाएगा....उन पर बकायदा मुकदमा चलाया जाएगा...इस दौरान उन्हें कडी सुरक्षा दी जाएगी....ताकि कोई उन्हें छू भी नहीं सके.....हमारे देश में हर किसी के साथ न्याय होता है...औऱ गिरफ्तार आतंकियों को केस लडने के लिए वकील उपलब्ध कराया जाएगा.....उम्मीद है दो से चार साल इसी तरह गुजर जाएंगे...जिसका जीता – जागता उदाहरण है....मुंबई का ही एक औऱ गुनहगार कसाब। इस सब के बाद अगर कोर्ट गिरफ्तार आतंकियों को धमाकों में मारे गये मासूम लोगों की मौत का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाता है...तो आतंकियों के पास फिर भी उच्च न्यायालय औऱ सर्वोच्च न्यायालय में सजा के खिलाफ अपील करने का मौका रहेगा....यहां पर भी अगर सजा बरकरार रहती है....तो भी आतंकी राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका प्रस्तुत कर सकते हैं....जैसा कि संसद में हमले के आरोपी अफजल के मामले में हुआ....औऱ माननीय राष्ट्रपति उस पर कब तक फैसला लेतीं हैं....ये शायद किसी को नहीं पता.....। लेकिन उनका क्या....जिनके अपने असमय ही इन धमाकों की भेंट चढ गये...किसी के सिर से पिता का साया उठा....तो किसी की मांग का सिंदूर उजड गया....किसी ने रक्षा बंधन से पहले अपने भाई को खो दिया....तो किसी ने अपने बुढापे का सहारा....वैसे भी इंसान की याददाश्त बडी कमजोर होती है.....बेबस लोग कर भी क्या सकते हैं.....रोजी रोटी की जद्दोजहद में इतना समय ही कहां कि न्याय के लिए सडकों पर उतरें....कुछ दिन रोते हैं....औऱ जब आंसू सूखने के साथ ही अपनों की यादें धुंधली पड जाती हैं....तो जुट जाते हैं...अपने कल की चिंता में...लेकिन वे लोग उस कल को देख पाएंगे....ये शायद उनको भी नहीं पता....हां उनके आज को उनसे छीनने वाले जरूर ऐशो आराम की जिंदगी काट रहे हैं....। क्या कभी मासूमों के खून की होली खेलने वालों को वाकई में सजा होगी....या फिर संसद पर हमले के आरोपी अफजल औऱ 26/11 के गुनहगार कसाब की तरह आगे भी खून की होली खेलने वाले इसी तरह लोगों को मुंह चिढाते रहेंगे.....ये सवाल किसी एक का नहीं हर उस भारतवासी का है....जिसकी भारत मां के आंचल को आतंकियों ने मासूमों के खून से रंगा है। प्रधानमंत्री जी घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचकर सांतव्ना देकर....घटना की जांच की बात कहकर आप अपना पल्ला नहीं झाड सकते....किसी की मौत का दुख वही समझ सकता है....जिसने किसी अपने को खोया हो....चलिए आपकी बात मान भी लेते हैं कि गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा....माना दोषी गिरफ्त में आ भी जाते हैं...औऱ उनको सजा भी होती है....तो क्या गारंटी है कि वे दूसरे अफजल औऱ कसाब नहीं बनेंगे। इसका जवाब आपके पास हो तो जरूर बताइयेगा....सारा देश इसे जानने के लिए उत्सुक है....।


दीपक तिवारी
deepaktiwari555@gmail.com    

बुधवार, 13 जुलाई 2011

जागो मनमोहन जागो

जागो मनमोहन जागो

एक बार फिर से.....वही हुआ जिसका डर था.....शायद हमारी सरकार को इसी का इंतजार था...हम पडोसी देश में पनप रहे आतंकवाद व आतंकियों पर कारवाई की बात ही दोहराते रह गये....आतंकियों को हमें सौंपने के लिए सूची ही बनाते रह गये औऱ आतंकियों ने बडी ही आसानी से एक बार फिर से हमारे ही घर में घुसकर एक के बाद एक तीन धमाके कर जता दिया....कि हम तो बेगुनाहों के खून से होली खेलेंगे....शायद आतंकी भी ये बात अच्छी तरह से समझते होंगे की हिन्दुस्तान की सरकार उनका कुछ नहीं बिगाड सकती.....हां इन धमाकों के बाद जरूर आतंकियों औऱ उनको पनाह देने वालों को चेतावनी देकर कि.....हमें कमजोर न समझना.....हम इसका कडा जवाब देंगे.....कहकर अपना पल्ला झाड लेगी। वैसे भी जिस देश का प्रधानमंत्री अपने सहयोगियों के खिलाफ कारवाई करने को लेकर खुद को मजबूर कह सकता है....वह अपने देशवासियों की रक्षा कैसे करेगा....या इसके लिए क्या कदम उठाएगा। हम अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को  दी जाने वाली मदद को लेकर जरूर अमेरिका के दोहरे चरित्र की बात करते हैं...लेकिन मेरा ये मानना है कि वहां के सर्वोच्च पर बैठा व्यक्ति हमारे देश के प्रधानमंत्री की तरह कमजोर नहीं है....वह 09/11 जैसी घटनाओं के बाद सिर्फ बदला लेने की बातें नहीं करता...बल्कि आतंकियों को पनाह देने वालों के घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतारता है....शायद यही फर्क है कि बैखौफ आतंकी हमेरे घर में घुसकर एक के बाद एक वारदात को अंजाम दे रहे हैं...औऱ निर्दोष देशवासियों को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड रही है....। सवाल ये है कि आखिर कब तक....ये सिलसिला चलता रहेगा....हम क्यों नहीं निर्दोष लोगों के खून से होली खेलने वालों को मुंहतोड जवाब देते....????.....क्या मनमोहन सरकार एक बार फिर से अमेरीका के 09/11 या फिर मुंबई के 26/11 के काले इतिहास को आतंकियों द्वारा दोहराए जाने का इंतजार कर रही है....???...या फिर आर्थर रोड जेल में आराम की जिंदगी जी रहे 26/11 के गुनहगार कसाब को जेल से छुडाने के लिए आतंकियों द्वारा किसी प्लेन को हाईजेक करने का इंतजार कर रही है....??? अभी भी समय है....जाग जाओ.....कहीं देर न हो जाए.......औऱ ऐसी किसी घटना के होने पर देशवासियों को फिर आपके श्रीमुख से सुनना पडे कि हमें अपने देशवासियों की जान की चिंता है....इसलिए हम आतंकियों की मांगों को मानते हुए 26/11 के गुनहगार कसाब को आतंकियों के हाथों में सौंपने जा रहे है.....जिन्हें हमारे जांबाज अफसरों औऱ जवानों ने अपने जान की बाजी लगाकर गिरफ्तार किया था।


दीपक तिवारी
deepaktiwari555@gmail.com