बोला था बेटा,
लैपटॉप न बांटों, लेकिन हमारी सुनता कौन है ? देख लिया नतीज इस ससुरे लैपटॉप ने ऐसी फिल्म दिखाई की यूपी
में तो बत्ती गुल हो ही गई, साथ ही प्रधानमंत्री बनने का सपना भी धरा का धरा रह
गया। अब क्या फर्क रह गया हममें और लाल कृष्ण आडवाणी में, हम भी आडवाणी की तरह पीएम
इन वेटिंग ही रह गए !
सोचा था यूपी में तो
अपनी सरकार है ही, आम चुनाव में अपने बूते इतनी सीटें ले आएंगे कि तीसरे मोर्चे के
चौधरी बनकर पीएम की कुर्सी के लिए मोल भाव कर सकें, लेकिन लैपटॉप क्या बांटे, इन
लैपटॉप ने तो बंटाधार ही कर दिया ! जिस लैपटॉप के सहारे यूपी फतह कर पीएम बनाने का
सपना अखिलेश ने देखा था, उस यूपी को इसी लैपटॉप के सहारे मोदी ने फतह कर पीएम की
कुर्सी हासिल कर ली !
चुनाव के दौरान इस लैपटॉप पर मोदी की फोटो और भाषण देखकर लोगों ने कमल के फूल
का बटन दबा दिया और हमारी साईकिल 5 कदम चलकर ही पंचर हो गई !
जी हां बात नेता जी
की हो रही है, समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की। जिनका पीएम न बन
पाने का दर्द आम चुनाव के 6 महीने के बाद जुबां पर आया।
लखनऊ में समाजवादी
पार्टी के राष्ट्रीय महिला सम्मेलन में जब नेता जी के बोलने की बारी आई, तो नेता
जी ने पहले तो अखिलेश सरकार की योजनाओं और कार्यों का खूब बखान किया, लेकिन मुफ्त
लैपटॉप योजना से कैसे समाजवादी पार्टी की बजाए नरेन्द्र मोदी ने इसका फायदा उठाया
ये बताना भी मुलायम सिंह नहीं भूले ! ये बात गौर करने वाली है कि लैपटॉप की महिमा समझने में
मुलायम सिंह को 6 महीने क्यों लग गए ?
नेता जी आम चुनाव के
नतीजे आने के 6 महीने बाद भी यूपी में समाजवादी पार्टी की हार को पचा नहीं पाए हैं,
शायद इसलिए ही नेता जी हार के नए नए कारणों को खोजने में लगे हैं ! लेकिन नेता जी जरा
इस सवाल का जवाब देंगे कि जिस यूपी में आपके गृहक्षेत्र इटावा को छोड़कर लोगों को
बिजली बमुश्किल मिल पाती हो, वहां पर कैसे लोग लैपटॉप को चार्ज ही कर पाते होंगे,
उसमें मोदी के भाषण सुनना तो दूर की बात है !
नेताजी कहीं ये 2017
में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की संभावित हार का डर तो अभी से
आपको नहीं सता रहा ! 2012 में प्रचंड
बहुमत पाने वाली समाजवादी पार्टी का आम चुनाव में हश्र देखकर चिंता होना लाजिमी भी
है। शायद इसलिए ही आप लालू यादव, नीतिश कुमार और दूसरी पार्टी के नेताओं के साथ
मिलकर जनता परिवार को फिर से जिंदा करने की कोशिशों में भी जुटे हुए हैं, ताकि
कहीं मोदी फिर से आपकी सरकार की किसी योजना को इस्तेमाल आपके खिलाफ करके यूपी में
सत्ता परिवर्तन करा दें ! बहरहाल 2017 में कौन यूपी में
जीत का परचम लहराएगा ये तो वक्त की बताएगा लेकिन लगता है, नेता जी की रातों की
नींद अभी से हराम हो गई है !
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