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मंगलवार, 3 सितंबर 2013

मनमोहन सिंह से बेहतर पीएम और कहां ?

15 अगस्त के बाद लगा था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सुनने का मौका अब 26 जनवरी को ही मिलेगा लेकिन संसद में कोयला घोटाले पर आखिर प्रधानमंत्री को सुनने का मौका मिल ही गया। कोयला घोटाले से जुड़े दस्तावेज गायब हो गए हैं, ऐसे में सवाल उठने लाजिमी थे। देर से ही सही मनमोहन सिंह ने इस पर आखिर अपनी चुप्पी तोड़ी लेकिन जो प्रधानमंत्री ने बोला उसके बाद लगा कि अगर मनमोहन सिंह बिना कुछ बोले ही विदेश यात्रा पर निकल जाते तो ज्यादा अच्छा था..!
कोयला घोटाले से जुड़ी अहम फाइलों के गायब होने पर प्रधानमंत्री का संसद में जवाब था कि सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। वैसे देखा जाए तो प्रधानमंत्री ने क्या गलत कहा..? (पढ़ें- अब मेरे राजदां और भी हैं..!)
सरकार के पास छिपाने के लिए है क्या..? जो था वो देश के सामने आ ही गया है। कोयला घोटाला, कॉमनवेल्थ खेल घोटाला, टूजी स्पैक्ट्रम घोटाला और न जाने कौन कौन से घोटाले, सभी तो देश के सामने आ ही गए हैं, जो नहीं आए हैं वो धीरे धीरे सबके सामने आ ही रहे हैं, अब और प्रधानमंत्री क्या छिपाएंगे..?
एक रुपया ही है, लेकिन वो भी डॉलर के आगे घुटने टेक रहा है। पेट्रोल और डीजल है, दोनों सेंचुरी जड़ने की ओर बढ़ रहे हैं..! रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान में पहुंच गए हैं...वाकई में है ही क्या सरकार के पास छिपाने के लिए..? हम बेवजह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कोस रहे हैं, आखिर सब कुछ तो सरकार ने जनता को दिखा दिया, सोने का भंडार तक विदेशियों के लिए खोलने की तैयारी कर ली है और हम कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री को देश की चिंता नहीं है। (जरुर पढ़ें- काश, मनमोहन सिंह वास्तव में पीएम होते..!)
प्रधानमंत्री ये भी कह रहे हैं कि कोयला घोटाले की जांच में सरकार सीबीआई को पूरा सहयोग कर रही है। यहां भी कौन सा प्रधानमंत्री ने झूठ बोला..? ठीक ही तो कहा सरकार सीबीआई को ये बताकर पूरा सहयोग कर रही है कि जांच में किसे क्लीन चिट देनी है और किसे नहीं..? अब प्रधानमंत्री ने यही सच तो बोला उस पर भी हो हल्ला मचा है..! आखिर 80 साल की उम्र में देश चला रहे किसी व्यक्ति पर ऐसे आरोप लगाना ठीक नहीं है। वो भी ऐसे व्यक्ति पर जो फैसले लेने के लिए दूसरों पर निर्भर हो, जो बिना पूछे कोई कार्य न करता हो, जो स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस के अलावा कभी कभार ही अपनी जुबान खोलता हो और कुछ बोले भी तो सामने वाले से बिना झिझक पूछ लेने की हिम्मत रखता है कि ठीक है। अरे भई इससे अच्छा प्रधानमंत्री देश को भला कहां मिल सकता है।

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