आखिरकार सरबजीत की सांसें थम गयीं और सरबजीत के परिवार के वाघा बार्डर पार करने के साथ ही सरबजीत ने भी अपने शरीर को त्याग कर पाक सरहद को लांघ ही लिया। पाकिस्तान में सरबजीत की मौत के साथ ही खत्म हो गया पाकिस्तान सरकार से सरबजीत की रिहाई का वो किस्सा...जो अक्सर भारत और पाकिस्तान सरकार की बातचीत का अहम हिस्सा हुआ करता था। पाकिस्तान के लिए न सही लेकिन कम से कम भारत के लिए तो सरबजीत की रिहाई अहम मुद्दा थी ही..! ये बात अलग है कि इस सच को भारत सरकार में शामिल लोगों से बेहतर कौन जानता होगा कि उन्होंने ईमानदारी से सरबजीत की रिहाई के लिए कितने प्रयास किए..?
सरबजीत पाकिस्तान
जेल में बंद सिर्फ एक भारतीय कैदी ही नही था बल्कि वो एक उदाहरण है कि उसके जैसे जाने
कितने सरबजीत पाकिस्तानी जेलों में सालों से सड़ रहे हैं जिसका पता न तो उनके
परिजनों को है और न ही हमारी सरकार को..! 1971 की जंग में शामिल कई भारतीय सैनिकों का
कुछ पता नहीं चला...न ही उनका शरीर मिला और न ही उनकी कोई ख़बर..? कहा तो ये भी जाता
है कि 1971 जंग के ऐसे कई सैनिक पाक जेलों में बंद हैं..!
पाकिस्तान में
सरबजीत की मौत सिर्फ पाक जेल में बंद एक भारतीय कैदी की मौत नहीं है बल्कि ये बिना
किसी अपराध के पाक जेलों में बंद भारतीय कैदियों की रिहाई की उम्मीद पर भी एक बड़ा
कुठाराघात है..! पाक की कोट लखपत
जेल में सरबजीत पर हुए हमले के बाद वहां की जेलों में बंद दूसरे भारतीय कैदियों के
साथ ही उनके परिजनों के बेचैनी बढ़ना लाजिमी हैं..!
कोट लखपत जेल में
सरबजीत पर हुआ हमला एक सामान्य घटना तो नहीं है...जान का खतरा होने की ख़बर होने
के बाद भी पाक सरकार और जेल प्रशासन की लापरवाही क्या दर्शाती है..? जाहिर है ये
पाकिस्तानी कैदियों का आवेश में किया गया हमला नहीं था बल्कि एक सोची समझी साजिश
थी..!
हमले के बाद
अस्पताल ले जाने में की गयी देरी और ईलाज में लापरवाही क्या दर्शाती है..? जाहिर है ये सब भी
साजिश का ही एक हिस्सा था..!
सवाल सिर्फ
पाकिस्तान पर ही नहीं उठते बल्कि भारत सरकार पर भी उठते हैं..! भारत सरकार चाहे
वो किसी भी दल की रही हो। सरकार में शामिल लोगों ने शुरु से ही पाक कि नापाक
हरकतों पर खामोशी की चादर ओढ़कर अपनी एक कमजोरी छवि पेश की है..!
सीमा पर आए दिन
होने वाली पाकिस्तानी घुसपैठ हो या फिर भारत में हुए बम धमाके...पाकिस्तानी
आतंकियों का हाथ होने की पूरी जानकारी और सबूत होने के बाद भी भारत ने कभी
पाकिस्तान पर बड़ा दबाव बनाने या फिर पाकिस्तान के खिलाफ आक्रमक रुख नहीं अपनाया..! पाकिस्तान भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों
को पनाह देता रहा और भारत पाकिस्तान के साथ कभी क्रिकेट खेलते रहा तो कभी आपसी
संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश करता रहा..!
इस सब से भारत को
मिला क्या..? पाक का चरित्र तो
नहीं बदला
लेकिन भारत में कभी धमाकों में निर्दोष लोगों की मौत की ख़बरें आती रहीं
तो कभी सीमा पर घुसपैठ और हमारे जवानों के शहीद होने की दुखद ख़बर..!
सरबजीत तो नहीं रहा
लेकिन एक बार फिर से सरबजीत के बहाने पाक के दोहरे रवैये पर भारत के हमेशा नरम रहे
रुख पर सवाल उठने लगे हैं..? भारत सरकार ने अब
भी पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख नहीं अपनाया तो भारत में बम धमाके होते
रहेंगे...सीमा पर घुसपैठ होती रहेगी और ऐसे ही जाने कितने सरबजीत गुमनानी के
अंधेरे में पाकिस्तान की जेलों में में दम तोड़ते रहेंगे..! उम्मीद है कि अब
भारत सरकार गहरी नींद से जागेगी और पाक की पीठ में छुरा घोंपने वाली आदत को समझते
हुए पाक को हर मोर्चे पर करारा जवाब देगी..! ।।जय हिन्द।।
deepaktiwari555@gmail.com
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