किसी भी देश के लिए
उसकी सुरक्षा से बड़ा मुद्दा और क्या हो सकता है..? लेकिन भारत सरकार के लिए ये
एक मामूली मसला है..! चीन 19 किलोमीटर तक हमारे क्षेत्र में घुसपैठ कर शान से बैठा है और
हमारे विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद चीन यात्रा की तैयारी कर रहे हैं..! सरकार कहती है कि
बातचीत से मसला सुलझा लिया जाएगा। इसका जवाब सरकार के पास नहीं है कि दो बार फ्लैग
मीटिंग में जब बात नहीं बनी तो आगे कैसे बात बनेगी..! चीन तो उल्टा भारत को आंखे दिखाकर उसे
अपना ही क्षेत्र बता रहा है..!
चीनी हेलिकॉप्टर
हमारी वायुसीमा में आकर फर्राटे से उड़ान भर रहे हैं लेकिन हमारे प्रधानमंत्री
कहते हैं कि ये स्थानीय मसला है और वे इसे तूल नहीं देना चाहते। (जरूर पढ़ें- ये हंसी ठहाके में न बदल जाए..!)
कभी पाक तो कभी चीन
हमारी सीमा में घुसपैठ कर हमें ही आंखे दिखा रहा है लेकिन विपक्ष प्रधानमंत्री के
इस्तीफे पर ससंद ठप कर रहा है तो सरकार सदन में गिनती पूरी कैसे रहे इस जुगत में व्यस्त
है..?
देश सुरक्षा के
मुद्दे पर सरकार तो सो ही रही है लेकिन विपक्षी नेताओं के लिए भी चीनी घुसपैठ से
बड़ा मुद्दा जेपीसी रिपोर्ट और कोलगेट के मसले पर सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर सरकार
का दखल है..! चीन के मुद्दे पर
प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेता सदन के बाहर तो खूब बोल रहे हैं लेकिन सदन में इस
मुद्दे को जैसे वे भूल जाते हैं..! सत्ता में आने को बेचैन दिखाई दे रही मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के नेता
शायद ये सोच रहे होंगे कि चीन के मसले पर एकजुटता दिखाई तो सरकार को टूजी पर
जेपीसी रिपोर्ट और कोलेगेट के मसले पर बचने का मौका मिल जाएगा और वे इसे कैश नहीं
करा पाएंगे..!
संसद में सत्ता
पक्ष और विपक्ष को मिलकर चीनी घुसपैठ पर कड़े कदम उठाने पर चर्चा करनी चाहिए और
इसे अमल में लाने के लिए एकजुटता दिखानी चाहिए लेकिन विपक्ष प्रधानमंत्री का
इस्तीफा मांगने पर अड़ा है तो सत्तापक्ष प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने में..! गृह राज्यमंत्री
आरपीएन सिंह साहब तो ये तक कहते सुनाई देते हैं कि 40 चीनी सैनिकों का भारत की सीमा में घुसना
कोई बड़ी घुसपैठ नहीं है यानि कि आरपीएन सिंह साहब के लिए ये बड़ी बात तब होगी जब
चीनी सेना पूरे लद्दाक पर कब्जा कर लेगी..!
सरकार की एक सहयोगी
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह इस मुद्दे पर गुर्राते हुए सरकार को कायर
कहते हुए गरियाते जरुर हैं लेकिन मुलायम की इस गुर्राहट में कितना दम है ये हम
पहले भी कई बार देख चुके हैं..!
अच्छा होता कि चीनी
घुसपैठ पर चीन को सारे दल मिलकर ऐसी गुर्राहट दिखाते और चीनी सैनिकों को खदेड़ने को
लेकिर साझा फैसला लेते लेकिन यहां तो हर कोई अपने हित साधने में लगा है। कोई दूसरे
से कुर्सी छीनने पर अमादा है तो कोई अपनी कुर्सी बचाने में..! सत्ता सुख के चक्कर
में हमारे देश के राजनीतिक दलों की आपसी लड़ाई के दुनिया मजे भी ले रही है और
पाकिस्तान और चीन जैसे धूर्त पड़ोसी इसका फायदा उठाने से भी नहीं चूक रहे हैं..!
चीन की इस घुसपैठ
पर भारत को अपना लचर रवैया छोड़कर आक्रमक रुख अपनाना चाहिए ताकि न सिर्फ चीन को
भारतीय क्षेत्र छोड़कर वापस लौटने पर मजबूर होना पड़े बल्कि वह भविष्य में ऐसी
हरकत करने से बाज आए..!
deepaktiwari555@gmail.com
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