क्या कहा..? नाम है आसाराम ! अरे आसाराम कम से कम
“राम” के नाम का ही मान रख
लेते ! दिल्ली गैंगरेप के
बाद तो बड़ा ज्ञान बांट रहे थे ! उस वक्त तो दरिंदों के बीच फंसी पीडिता को तो दरिंदों को अपना धर्म भाई बनाने की
गुहार करने तक की सलाह दे डाली थी..! उल्टा उसे ही दोषी ठहरा दिया था..! खुद बड़े धर्मात्मा
बने फिरते हो, फिर ये क्या कर डाला..! रती भर भी शर्म नहीं आई..! नाबालिग पर नीयत डोल गई..! अब समझ आया आसाराम दिल्ली गैंगरेप पर बघारे गए
तुम्हारे ज्ञान का सही मतलब..! (पढ़ें- दिल्ली गैंगरेप- “राम-राम” आसाराम!)
संत का चोला ओढ़
लेने से मन का पाप नहीं छिप जाता आसाराम..! और छिपा भी लोगे तो कब तक..? कब तक अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर, लोगों को डरा
धमका कर अपने पापों पर पर्दा डालते रहोगे..! वैसे भी सच्चाई ज्यादा दिन तक छिपी नहीं रह सकती..! वो तो उस मासूम ने
हिम्मत दिखा दी वर्ना धर्म का लबादा ओढ़ कर पता नहीं तुम कब तक अपने कुकर्मों को
छिपाते रहते और जाने कितनों की जिंदगियां बर्बाद करते..!
वैसे भी आसाराम
तुम्हारे जैसे अधर्मी से देश को बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं थी..! होली के नाम पर पानी
की बर्बादी करते हो और ऊपर से हेकड़ी दिखाकर कहते हो कि भगवान से तो मेरी यारी है,
जब चाहे बारिश करवा दूंगा..!(पढ़ें- महान हैं आसाराम जैसे संत..!)
एक मासूम गैंगरेप का
शिकार होती है और कहते हो ताली एक हाथ से नहीं बजती..! अब क्या कहोगे जब
खुद पर यौन शोषण का आरोप लगा है..! अब नहीं कहोगे की ताली एक हाथ से नहीं बजती..!
गलती तुम्हारी भी
नहीं है आसाराम, जब तक देशवासी
अंधविश्वास में डूबे रहेंगे तुम्हारे जैसों को भगवान का दर्जा गेकर सिर माथे पर
बैठाते रहेंगे ये सिलसिला नहीं रुकने वाला..! पता नहीं कब हटेगा लोगों की आंखों से अंधविश्वास का ये
पर्दा जिसकी आड़ में आसाराम जैसे लोग ऐश कर रहे हैं..!
deepaktiwari555@gmail.com
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