राजनीति में
भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार की राजनीति में मस्त भ्रष्ट राजनेताओं को देखकर तो ऐसा
लगने लगा था कि नेता सिर्फ भ्रष्टाचार की हांडी में पकने वाले घोटालों के लजीज व्यंजन
का ही स्वाद चखते हैं। हर साल, हर महीने एक नई डिश भ्रष्टाचार की हांडी से उतरती
है, इसे भ्रष्ट नेताओं से बेहतर और कौन बता सकता है कि हर नई डिश पिछली डिश से भी
ज्यादा लजीज होती है। लेकिन आपको जानकर शायद हैरानी होगी कि हमारे ये महान नेतागण
खाना भी खाते हैं। न सिर्फ खाते हैं बल्कि यहां पर भी वे खाने के सारे रिकार्ड
अपने नाम करना चाहते हैं। दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों का तो पता नहीं लेकिन देवभूमि
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा तो कुछ ऐसा ही कर रहे हैं।
दरअसल ये बात निकली
उत्तराखंड के हल्दवानी के आरटीआई एक्टिविस्ट गुरविंदर सिंह चढ्ढा की एक आरटीआई से
जो उन्होंने उत्तराखंड मुख्यमंत्री आवास और कार्यालय पर बीते एक साल के दौरान चाय
पानी पर हुए खर्च की जानकारी को लेकर लगाई थी। मुख्यमंत्री कार्यालय से जो जानकारी
मिली उसे जानकर एक बार को आपके भी होश उड़ जाएंगे।
मुख्यमंत्री
कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गयी जानकारी के अनुसार 13 मार्च 2012 को विजय बहुगुणा
के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने के बाद से अगस्त 2013 तक मुख्यमंत्री
आवास और मुख्यमंत्री कार्यालय में चाय पानी, खाने पीने पर 56 लाख 74 हजार 728 रूपए
खर्च किए गए हैं।
कुल 537 दिनों में औसतन
एक दिन का चाय पानी, खाने पीने का खर्च 10 हजार 567 रूपए बैठता है। इसमें से
मुख्यमंत्री कार्यालय में 27 लाख 34 हजार 153 रुपए खर्च किए गए तो मुख्यमंत्री
कार्यालय में 29 लाख 40 हजार 575 रुपए खर्च किए गए। समझ से बाहर है कि आखिर सीएम
आवास और कार्यालय में किस किस को क्या खिलाया और खुद खिलाया जाता है कि रोज का
हजारों रुपए का खर्च आता है।
उत्तराखंड के सातवें
मुख्यमंत्री बनने के बाद से लेकर काम को लेकर कम विवादों के लेकर ज्यादा चर्चा में
रहने वाले विजय बहुगुणा के आवास और कार्यालय का 537 दिनों का ये खर्च 56 लाख 74
हजार 728 रूपए तब पहुंचा जब माननीय मुख्यमंत्री देहरादून में कम दिल्ली में ज्यादा
रहते हैं।
बहुगुणा साहब को ये
रकम भी शायद कम लगती हो क्योंकि जब वे सरकारी विज्ञापन के नाम पर कुछ महीनों में
ही करीब 22 करोड़ अपनी छवि चमकाने के लिए पानी की तरह बहा सकते हैं, तो फिर खाने
पीने में रोज के 10 हजार 567 रूपए खर्च करना विजय बहुगुणा के लिए कौन सी बड़ी बात
है। (जरुर पढ़ें- मीडिया पर मेहरबान बहुगुणा सरकार !)
अगर फ्लैशबैक में
जाएं तो शायद इस बात का जवाब हमें वहां पर मिल जाएं कि आखिर बहुगुणा ने ऐसा क्या
खाया और खिलाया कि 537 दिनों में उनके आवास और कार्यालय पर खाने पीने पर 56 लाख 74
हजार रूपए खर्च हो गए। 2012 में उत्तराखंड में आपदा के बाद बहुगुणा ने आपदा
प्रभावितों को उनके हाल में छोड़ शाही दावत उड़ाते देखे गए थे। इस साल भी जून में
भीषण आपदा के बाद भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला था। जाहिर है शाही दावतों का
दौर जारी रहेगा तो फिर क्यों न सीएम आवास का खर्च 29 लाख 40 हजार 575 रूपए
पहुंचेगा और सीएम दफ्तर का खर्च 27 लाख 34 हजार 153 रुपए पहुंचेगा। एक बात और गौर करने
लायक है, वो ये कि ये उसी कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री हैं, जिनके नेता सीना
तान के ये कहते फिरते हैं कि 5 रुपए में एक व्यक्ति भरपेट भोजन कर सकता है।
deepaktiwari555@gmail.com
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