65 सांसद मोदी को
वीजा न देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को चिट्ठी लिखते हैं तो भाजपा सांसद चंदन
मित्रा मोदी की आलोचना करने पर अमर्तय सेन से भारत रत्न वापस लेने का राग अलापते
हैं..!
योजना भवन में 35
लाख रुपए टॉयलेट निर्माण में खर्च करने वाला योजना आयोग कहता है कि गांव में 28
रुपए और शहर में 33 रुपए से कम खर्च करने वाला गरीब नहीं है..! कांग्रेसी नेता इस
बेतुके तर्क को सही ठहराने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते..! अभिनेता से नेता
बने राज बब्बर कहते हैं कि मुंबई में 12 रुपये में आदमी भरपेट भोजन कर सकता है तो
एक और कांग्रेसी राशिद मसूद कहते हैं कि दिल्ली में 5 रुपये में भरपेट भोजन मिलता
है..!
हरियाणा के
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा इन सब से दो कदम आगे निकल गए..! हरियाणा सरकार किसानों
को मुआवजे के रूप में एक और दो रुपए का चैक देती है और मुख्यमंत्री हुड्डा कहते
हैं कि सही हिसाब किताब के बाद ही किसानों को मुआवजे का चैक दिया गया है..!
चूतियापे की भी हद
होती है, क्या बोल रहे हैं..? क्या कर रहे हैं..? किसी चीज का होश तक नहीं है..! इन महान नेताओं को देखकर, इनकी बातें सुनकर तो मानो ऐसा लगता
है कि भारत में बस यही एक समझदार हैं बाकी तो सब निरे मूर्ख हैं..!
मतलब ये लोग कुर्सी
पाने के लिए किसी भी हद तक गिरने को तैयार हैं और कुर्सी मिलने के बाद ये खुद को
भगवान ये कम नहीं समझते..! खुद की संपत्ति करोड़ों के हिसाब से बढ़ रही है लेकिन गरीब की दो वक्त की रोटी
के लिए इन्हें 33 रुपए बहुत नजर आते हैं..!
ससंद और राज्यों की
विधानसभा में अपने वेतन भत्ते बढ़ाने की मांग को खूब उठाते हैं लेकिन बाढ़ में
अपनी सालभर की मेहनत गंवा चुके किसान को मुआवजे के रुप में एक और दो रुपए का चैक
थमाकर कहते हैं कि सही हिसाब किताब से मुआवजा दिया गया है..!
दो धूर्त पड़ोसी
पाकिस्तान और चीन सिर पर नाच रहे हैं लेकिन ये खास वर्ग के वोटबैंक को साधने के
लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर विश्व बिरादरी में अपने साथ ही भारत की
121 करोड़ जना का उपहास उड़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं..! (जरुर पढ़ें- वोटबैंक के लिए ओबामा को खत !)
अमर्त्य सेन एक
भारतीय होने के नाते देश के प्रधानमंत्री के रुप में मोदी को न देखने की अपने मन
की बात कहते हैं तो ये कहते हैं कि अमर्त्य सेन से भारत रत्न वापस ले लिया जाना
चाहिए..!
ये चाहते हैं कि देश
की जनता को ये मूर्ख बनाते रहें और जनता मूर्ख बनकर आंख मूंद कर बस इनको वोट देती
रहे..! ये जो कहें उसे ही पत्थर
की लकीर मानकर सच मान ले और ऐसे ही भ्रष्टाचार और घोटालों के नित नए कायम होते रिकार्डों
को देखकर ताली बजाती रहे और महंगाई को इन नेताओं को वोट देने के प्रसाद के रूप में हंसकर गृहण करती रहे..!
इनता बस चले तो भूख और कुपोषण से देश
में हो रही मौत पर ये जनता से ये कहें कि ये तो देश की बढ़ती आबादी को कम करने का
सरकारी फार्मूला है..! आतंकवादी घटनाओं में निर्दोष लोग मारे जाएं ते यो लोग यहां भी यही सरकारी
फार्मूला फिट करने में देर न करें..!
जब ये कौम(नेता) भारत में मौजूद है
और न सिर्फ मौजूद है बल्कि देश के अहम पदों पर काबिज है…पूरे देश को चला रही
है, तो फिर हम क्यों न शान से कहें- “मेरा भारत महान” !
deepaktiwari555@gmail.com
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