भाजपा मोदी के नाम
पर इतरा रही है...भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह मोदी की तारीफ करते नहीं
अघा रहे हैं। 2014 में मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के साथ ही पीएम के रुप में
मोदी की ताजपोशी का दम भर रहे हैं लेकिन चुनाव की देहरी पर खड़े भाजपा शासित मध्य
प्रदेश में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मोदी की तस्वीर
लगाने से तक परहेज किया है। जन आशीर्वाद यात्रा से जुड़े पोस्टर, बैनर, होर्डिंग
से नरेन्द्र मोदी गायब हैं जबकि पार्टी के तमाम बड़े नेताओं की मुस्कुराती हुई
तस्वीरें साथ नजर आ रही हैं।
2014 में मोदी के
सहारे अपनी नैया पार लगाने के सपने देख रही भाजपा में कांग्रेस से बड़ी चुनौती
अपनों से निपटने की होगी जो शायद भाजपा में मोदी के बढ़ते कद को स्वीकार नहीं कर
पा रहे हैं..! मोदी के नाम पर
आडवाणी की नाराजगी के बाद भाजपा के कई और नेताओं ने मोदी के नाम पर सहमति नहीं
जताई, यहां तक कि एनडीए का
कुनबा भी बिखर गया और जदयू ने अपनी राहें जुदा कर लीं लेकिन इसके बाद भी भाजपा
मोदी के नाम पर आगे बढ़ती रही। मोदी को 2014 के चुनाव अभियान कमेटी का चेयरमैन बना
दिया गया...राजनाथ सिंह पीएम के रुप में ईशारों ईशारों में कोई बार मोदी का नाम ले
चुके हैं..!
राजनाथ सिंह बार बार
कहते हैं कि मोदी भाजपा का सबसे ज्यादा लोकप्रिय चेहरा है लेकिन इसके बाद भी मध्य
प्रदेश में सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे शिवराज
सिंह चौहान ने मोदी को तरजीह देना जरूरी नहीं समझा..! जबकि ग्वालियर में आडवाणी
के श्रीमुख से अपनी तारीफ सुनने के बाद खुद शिवराज सिंह ने ये कहा था कि मोदी, रमन
सिंह और उनमें से वे तीसरे नंबर हैं जबकि मोदी नंबर एक पर..! लेकिन कुछ ही दिनों
में ऐसा क्या हो गया कि मोदी को नंबर एक बताने वाले शिवराज की जन आशीर्वाद यात्रा
के पोस्टर से तक मोदी गायब हैं..? (जरुर पढ़ें- मोदी- ये राह नहीं आसां)
महत्वकांक्षाएं हर
किसी की होती हैं ऐसे में पीएम की कुर्सी को लेकर क्या शिवराज की महत्वकांक्षा तो
नहीं जाग गयी..? क्या शिवराज को ये
तो नहीं लगने लगा है कि मोदी भी तो उनकी तरह ही एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं ऐसे
मे अगर मोदी 2014 में पीएम पद के उम्मीदवार की दौड़ में शामिल हो सकते हैं तो वह
क्यों नहीं..? आखिर कौन नहीं
चाहेगा कि मौका मिलने पर राजनीति के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचा जाए..? (पढ़ें- मोदी, नीतीश
और शिवराज..!)
इस बात से इसलिए भी
इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जनआशीर्वाद यात्रा के पोस्टर से मोदी का चेहरा
गायब होने के सवाल पर शिवराज सिंह का जवाब
था कि ये स्थानीय यात्रा है, जबकि इस स्थानीय यात्रा में भाजपा के कई दूसरे राष्ट्रीय
नेताओं की तस्वीर पोस्टर में शामिल थी..! लेकिन इस पर शिवराज कुछ नहीं बोले..!
बहरहाल ये राजनीति
है...यहां कब, क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता..? कौन, कब किसके साथ हो जाए..? कौन, कब किसके विरोध में हो जाए..? फिलहाल तो 2014 फतह
करने की तैयारी में जुटी भाजपा के साथ ही नरेन्द्र मोदी के लिए अपनी ही पार्टी में
एक के बाद एक सामने आ रही चुनौतियां उनकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा बनती दिखाई दे
रही हैं..! ऐसे में देखना रोचक
होगा कि मोदी कैसे अपनों से मिल रही चुनौतियों का सामना करते हैं..?
deepaktiwari555@gmail.com
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