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मंगलवार, 23 जुलाई 2013

मौत, साजिश और सियासत !

बिहार में सुशासन बाबू नीतिश कुमार के राज में 23 मासूम काल के गाल में समा जाते हैं। मासूमों कि मौत पर विपक्ष को राजनीति करता ही है लेकिन नीतिश बाबू भी इसमें अपना सियासी फायदा ढूंढने से बाज नहीं आ रहे हैं। मिड डे मील खाने से हुई बच्चों की मौत के बाद नीतिश का ये बयान की ये विपक्ष की साजिश हो सकती है और भाजपा और राजद दोनों मिलकर उन्हें बदनाम करना चाहते हैं ये जाहिर करती है कि बोधगया के महाबोधि मंदिर में धमाके और उसके तुरंत बाद मिड डे मील खाने से बच्चों की मौत के बाद बैकफुट पर आए नीतिश कुमार खुद इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर वे करें तो क्या करें..?
ऐसे में बजाए इसके कि बिहार के मुख्यमंत्री होने के नाते नीतिश इस हादसे के दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और भविष्य नें ऐसे हादसे न होना ऐसा सुनिश्चित करने की ओर कड़े कदम उठाते...नीतिश ने बच्चों की मौत का ठीकरा भाजपा और लालू की राजद के सिर फोड़ने में देर नहीं की..!
क्या सुशासन बाबू आपसे तो ऐसी उम्मीद नहीं थी। सत्ता से दूर बैठे विपक्ष को तो माना सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है लेकिन आप तो प्रदेश के मुखिया हो, बिहारियों के हक के लिए दिल्ली में हुंकार भरते हो लेकिन अपने ही प्रदेश के 23 बच्चों की मौत पर आपका दिल नहीं पसीजता..! माना आप सियासत के मंझे हुए खिलाड़ी हैं लेकिन मासूमों की मौत पर तो कम से कम आपसे सियासत की उम्मीद नहीं थी..!
वैसे दोष आपका भी नहीं है नीतिश बाबू..! राजनीति चीज ही ऐसी है कि यहां संवेदनाएं मायने नहीं रखती, दूसरों का दुख दर्द मायने नहीं रखता, मायने रखती है तो बस सत्ता..! सत्ता पाने के लिए, विरोधी को सत्ता से बेदखल करने के लिए फिर चाहे लाशों पर राजनीतिक रोटियां ही क्यों न सेंकनी पड़े, आप जैसे लोग इससे भी परहेज नहीं करते..! बिहार में भी तो यही हो रहा है विपक्षी दल भाजपा और राजद भी यही कर रहे हैं और सत्ता में काबिज आप भी..!
उन मां बाप के दर्द को शायद आप में से कोई नहीं समझ पाएगा जिन्होंने अपने हाथों से अपने कलेजे के टुकड़े को जमीन में दफन कर दिया..! (जरुर पढ़ें- उसे भूख से डर लगता था..!)
समझोगे भी कैसे..? उनमें से कोई आपका अपना नहीं था न..! समझ पाते तो शायद कम से कम मासूमों की मौत पर तो बिहार में सियासत नहीं हो रही होती..!


deepaktiwari555@gmail.com

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