कुल पेज दृश्य

बुधवार, 21 अगस्त 2013

रुपया तो उठने की चीज है !

रुपया इतना कैसे गिर सकता है कि उठाने में पसीने निकल आएं, वैसे अपना व्यक्तिगत अनुभव बताऊं तो मैंने तो हमेशा रुपये को उठते हुए ही देखा है..! राशन लेने जाओ तो लाला उठा लेता है, दूध लेने जाओ तो दूधवाला उठा लेता है, पेट्रोल भराने जाओ तो पेट्रोल पंप वाला उठा लेता है, बस, ट्रेन या हवाई जहाज में सफर करो हर जगह रुपये को उठते हुए ही देखा है..! और तो और कभी सुलभ शौचालय का इस्तेमाल करो तो वहां भी रुपया उठ जाता है..!
ऐसे में जब चारों और रुपए के गिरने की ही चर्चा और उस पर चिंता हो रही थी तो इस पर सहसा यकीन नहीं हो रहा था..! लेकिन मेरे एक मित्र ने सड़क पर गिरे हुए रुपए को उठाने की लाख कोशिश करने के बाद रुपये के न उठने का अनुभव मुझ से साझा किया तो समझ में आया कि वाकई में रुपया कुछ ज्यादा ही गिर चुका है, इतना ज्यादा कि अब इसका उठना नामुमकिन सा लग रहा है..!
मित्र ने रुपए के न उठने की जो अनुभव साझा किया वो कुछ इस तरह का था।  मित्र के अनुसार वो कुछ सामान खरीदने बाजार गया था, मंदी का असर बाजार में भी था और भीड़ न होने से बाजार की तंग गलियां भी काफी चौड़ी दिखाई दे रही थे..! ग्राहकों के साथ व्यस्त रहने वाले दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में अपनी अपनी दुकान के आगे टाईम पास कर रहे थे..!
सड़क पर चलते हुए मित्र की निगाह सडक पर पड़ी किसी चमकीली वस्तु पर पड़ी, पास जाकर देखा तो वह रुपया था। रुपये तो देखते हुए वह ठिठक गया, उसने जल्दी से अपनी दोनों तरफ देखा कि कहीं किसी का ध्यान उस पर तो नहीं है, आश्वसत होने पर वह रुपये की ओर हाथ बढ़ाते हुए तेजी से नीचे झुका लेकिन रुपया उसके हाथ में नहीं आया, उसने दोबारा रुपये को उठाने की कोशिश की लेकिन रुपया उठने को तैयार नहीं था, इसी बीच उसे बगल की दुकान के सामने बैठे तीन – चार लोगों की जोर से हंसने की आवाज सुनाई दी तो वह एकपल को झेंप गया और तेजी से वहां से आगे निकल आया..! वह समझ गया था कि ये आस पास के दुकानदारों की शरारत थी..!
दरअसल मंदी में टाइम पास कर रहे आस पास के दुकानदारों ने रुपए के एक तरफ डामर लगाकर उसे सड़क पर चिपका दिया था ताकि कोई भी उसे उठाने की कोशिश करे तो वह उसके हाथ में न आए..! भले ही दुकानदारों ने टाईम पास के लिए मस्ती के लिए ये सब किया हो लेकिन रुपये की ये कहानी अपने आप में बहुत कुछ बयां करती है..! कुछ मिलाकर रुपया इसी तरह गिरता रहा तो वॉट आम जनता की ही लगनी है, उन्हें इससे क्या फर्क पड़ता है जिनका काला – सफेद सारा रुपया विदेशी बैंकों में जमा है..! वैसे भी ये लोग आम जनता की मेहनत के रुपये को भ्रष्टाचार और घोटालों के जरिए उठाना अच्छी तरह जानते हैं..! पता नहीं,  सत्ता के नशे में मदहोश देश के इन कथित कर्णधारों को देश के जनता कब गिराएगी..!


deepaktiwari555gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें