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मंगलवार, 9 जुलाई 2013

लोकार्पण करने वाले खुद पहुंच गए हवालात

नाम- राघवजी, उम्र-79 वर्ष, चेहरे पर सादगी लेकिन कर्म ऐसे कि शर्म भी शर्म से आंखें चुराने पर मजबूर हो जाए..! मोटे चश्मे के पीछे से झांकती शैतान निगाहें पता नहीं कब से बंद कमरे में अपनी हवस की भूख को शांत कर कितनों का जीवन नर्क करने पर तुली हुई थी..! जाने कितने वर्षों से अपने परिवार के साथ ही लोगों की आखों में राघव जी धूल झोंक कर एक सज्जन पुरुष का जीवन जीने का ढोंग रच रहे थे लेकिन राघवजी की ये करतूत तीसरी आंख से नहीं बच पाई और तीसरी आंख ने वो राज खोला कि सारी सज्जनता, सारी नैतिकता धरी की धरी रह गयी और 79 वर्ष की अवस्था में राघवजी का जो घिनौना चेहरा सामने आया वो किसी को भी शर्म से पानी पानी करने के लिए काफी है..!  (पढ़ें- ये हैं राजनीति के मर्यादा पुरुष..!)
कहते हैं इंसान को अपने कर्मों का फल जीते जी ही भगुतना पड़ता है..! उम्र के इस पड़ाव में राघवजी की गिरफ्तारी कम से कम इस विश्वास को तो और दृढ़ करती ही है। वक्त कैसे बदलता है, इसका इससे बढ़िया उदाहरण और क्या हो सकता है कि जिस हबीबगंज थाने का लोकार्पण राघवजी ने किया था उसी थाने में न सिर्फ राघवजी के खिलाफ एफआईआर लिखी गई बल्कि हबीबगंज थाना पुलिस ने ही राघवजी को हवालात तक भी पहुंचा दिया।
भोपाल में पत्रकारिता के दैरान चार साल पहले मैं खुद हबीबगंज थाने के लोकार्पण समारोह में मौजूद था जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राघवजी ने थाने का लोकार्पाण किया लेकिन मैं क्या वहां मौजूद किसी शख्स ने विशेषकर राघवजी ने ये नहीं सोचा होगा कि भविष्य में वक्त ऐसी करवट लेगा कि हबीबगंज थाने में ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी और जो हबीबगंज थाना पुलिस उनको मंत्री रहते हुए सलाम ठोक रही थी वही पुलिस उनको गिरफ्तार करेगी। 
ये भी वक्त का ही तकाजा है कि जिस राघवजी के साथ इस घटनाक्रम से पहले तक उनकी पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहती थी उसने भी राघवजी के कुकर्म की सीडी सामने आने के बाद राघवजी से किनारा कर लिया है।
आखिर चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी के चेहरे पर उनके ही वयोवृद्ध नेता कालिख पोत दें तो सवाल उठने लाजिमी ही हैं..! ऐसे में भाजपा ने राघवजी से किनारा करने में जरा सी भी देर नहीं की लेकिन जो राघव जी कई दशकों से भाजपा के साथ जुड़े हुए थे उनसे एक झटके में किनारा करने से भाजपा का दामन तो साफ होगा नहीं..! और न ही वे सवाल शांत होंगे जो राघवजी की कुकर्म कथा ने भाजपा पर भी खड़े किए हैं..!
वैसे भी चुनाव की देहरी पर खड़े मध्य प्रदेश की सत्ता से 10 वर्षों से दूर कांग्रेस हर हाल में सत्ता हासिल करना चाहती है ऐसे में राघवजी की कुकर्म कथा तो कांग्रेस के लिए चुनाव में किसी संजीवनी से कम नहीं है और कांग्रेस ने भी इसको भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है जबकि भाजपा के पास राघवजी की इस कुकर्म कथा पर उठ रहे सवालों का कोई जवाब नहीं है..!

deepaktiwari555@gmail.com

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