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रविवार, 7 जुलाई 2013

अब और बर्दाश्त (नहीं) करेंगे..!

बोधगया के महाबोधी मंदिर पर आतंकी हमले के बाद हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कहते हैं कि ऐसे हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे..! आतंकी एक के बाद एक आतंकी हमले को अंजाम देते जाते हैं और हमारी सरकार के मुखिया हर बार ये कहते हैं कि देश में आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। समझ में नहीं आता कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए आखिर इस बर्दाश्त की सीमा कहां तक है..?
मनमोहन सिंह बर्दाश्त न करने की बात तो हर बार कहते हैं लेकिन प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद से ही वे सिर्फ बर्दाश्त ही कर रहे हैं और कुछ नहीं..! देश के दुश्मन भी इस बात को अच्छी तरह समझ गए हैं कि भारत सिर्फ बर्दाश्त ही कर सकता है और कुछ करने का दम भारत में नहीं है..! शायद यही वजह है कि आतंकियों के हौसले बुलंद हैं और वे एक के बाद एक कभी मुंबई में तो कभी पुणे में, कभी बंगलुरु में तो कभी बिहार में आतंकी हमलों को अंजाम देकर निर्दोष भारतीयों को मौत के घाट उतार रहे हैं..!
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मजबूरी तो पूरा देश समझता है कि आखिर क्यों वे हर चीज बर्दाश्त न करने की बात तो कहते हैं लेकिन फिर भी चुपचाप बर्दाश्त करते रहते हैं..! वैसे भी प्रधानमंत्री की कुर्सी ऐसे ही थोड़े न मिल जाती है...उसके लिए तो बर्दाश्त करने की क्षमता होनी चाहिए..! जो कि मनमोहन सिंह में कूट कूट कर भरी हुई है..! लेकिन मनमोहन सिंह को कौन समझाए कि उनको पीएम की कुर्सी दिलाने वाली उनकी ये अनोखी काबिलियत देश पर भारी पड़ी रही है और आए दिन निर्दोष भारतीयों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा रहा है..!
हैरानी तो उस वक्त होती है जब इस तरह के आतंकी हमले होने की सूचना दिल्ली पुलिस के जरिए बिहार सरकार को पहले ही मिल जाती है लेकिन इसके बाद भी आतंकी बिहार के बोधगया में स्थित महाबोधी मंदिर में एक नहीं, दो नहीं पूरे एक दर्जन से ज्यादा बम आसानी से प्लांट कर अपने नापाक मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं..! अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों की सुरक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है..?
ये छोड़िए राज्य के डीजीपी अभयानंद महाबोधी मंदिर पर हुए धमाके की पूर्व सूचना के सवाल पर कहते हैं कि हर घटना से कुछ न कुछ सिखने को मिलता है..! सुन लिजिए ये कहना है राज्य के पुलिस प्रमुख का जिनका सोचना है कि कुछ सीखने के लिए ऐसी घटनाएं होना जरुरी है..! अब जनाब विस्फोट नहीं होंगे तो फिर बिहार पुलिस सबक कैसे लेगी..?
जब देश के प्रधानमंत्री कहते हैं बर्दाश्त (नहीं) करेंगे, बिहार के मुख्यमंत्री आतंकी हमले की सूचना के बाद भी मंदिर की सुरक्षा को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाते और बिहार के ही पुलिस प्रमुख विस्फोट के बाद कहते हैं कि ऐसी घटनांओं से ही तो पुलिस कुछ सीखेगी..! फिर क्यों न आतंकी बेखौफ होकर एक के बाद धमाकों से भारत को दहलाते रहें..! जब हमारे प्रधानमंत्री बर्दाश्त न करके भी बर्दाश्त कर सकते हैं तो फिर आतंकी क्यों बर्दाश्त करें..? लेकिन असल सवाल तो ये है कि देश की जनता अपनी जान की कीमत पर आखिर कब तक ये सब बर्दाश्त करेगी..?


deepaktiwari555@gmail.com

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