यूपीए सरकार के 9 साल पूरे हो गए लेकिन बकौल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गिलास अभी खाली है। यूपीए 1
के बाद यूपीए 2 का कार्यकाल खत्म होने में महज 12 माह का वक्त बचा है लेकिन गिलास भरने
में अभी वक्त लगेगा। ये बात अलग है कि सरकार में शामिल
सभी लोगों के घर के गिलास, कटोरे, चम्मच तक सब भर गए हैं..!
“मौनी
सम्मान” से नवाजे जा चुके प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह न सिर्फ बोले बल्कि एक शेर पढ़ना भी नहीं भूले...जो
कुछ इस तरह था...'गए दिन कि तन्हा
था मैं अंजुमन में, यहां अब मेरे राज़दां
और भी हैं। सितारों से आगे जहां और भी हैं।” (जरुर पढ़ें- UPA सरकार के 9 साल
(व्यंग्य)।
मनमोहन सिंह ने शेर एकदम सटीक चुना...वाकई में अब मनमोहन
तन्हा कहां है, भ्रष्टाचार और घोटालों में उनके साथ उनके अधिकतर
मंत्रीमंडलीय सहयोगी भी तो साथ में हैं...और
अभी तो एक साल का वक्त बचा है...जो पीछे रह
गए हैं...वे भी साथ आ ही जाएंगे..!
बकौल मनमोहन और सोनिया ये जश्न का वक्त है। सोनिया गांधी तो ये भी कहती हैं कि
यह बताने का वक्त है कि हमने नौ साल में क्या किया है। सोनिया चैलेंज करती हैं और
कहती हैं कि क्या कोई हम पर सवाल उठा सकता है..? गजब का कॉन्फिडेंस है भई..!
सोनिया गांधी सरकार में पारदर्शिता होने और जवाबदेही तय होने की बात करती
हैं...यहां भी सोनिया ने कौन सा गलत कहा..! पारदर्शिता को इतनी है कि कोयला घोटाले पर सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में कानून
मंत्री अश्विनि कुमार बदलाव कर देते हैं..! पारदर्शिता यहीं
खत्म नहीं हो जाती...रेलवे मंत्रालय में तो गजब की पारदर्शिता है...एक-एक कुर्सी
के दाम तय हैं वो भी पूरी पारदर्शिता के साथ..!
जवाबदेही का तो जवाब नहीं...देश से जुड़े अहम मसलों पर प्रधानमंत्री मनमोहन
सिंह मौन साध लेते हैं तो भ्रष्टाचार और घोटालों से घिरे मंत्री कहते हैं उन्होंने
कुछ गलत नहीं किया है...फिर वे क्यों इस्तीफा दें..? अगर प्रधानमंत्री का मौन सही है और मंत्रियों के तर्क सही हैं तो फिर
हजारों करोड़ों के घोटाला कैसे हो रहे हैं इसका जवाब किसी के पास नहीं है..?
बहरहाल सरकार के पास 12 माह का वक्त अभी बाकी है…ऐसे में देखना रोचक होगा कि 9 साल से भरने के इंतजार में रखे
खाली गिलास को मनमोहन सिंह और उनकी टीम अब भर पाएगी या फिर ये 12 महीने मनमोहन
सिंह और उनकी टीम 9 साल के जश्न की खुमारी उतारने में ही गुजार देगी..!
deepaktiwari555@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें