कुल पेज दृश्य

बुधवार, 18 अप्रैल 2012

लाख टके का सवाल !


लाख टके का सवाल !

कभी कभी अपनों से करीबियां भी भारी पड़ जाती है...जी हां प्रदेश के नए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के अपनों के साथ तो यही होता दिख रहा है। बहुगुणा को जब मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली थी तो बहुगुणा के करीबी विधायक या कहें उनके अपने विधायक तो खुश थे...आखिर उनके नेता मुख्यमंत्री जो बन गए थे...लेकिन जिन्हें सबसे ज्यादा खुशी हुई थी...वे ही अब परेशान नजर आ रहे हैं...वजह साफ है...बहुगुणा मुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन उन्हें विधायकी का चुनाव अभी जीतना बाकी है...यानि बाकी है बहुगुणा की असल अग्निपरीक्षा...लेकिन बहुगुणा के सामने सबसे बड़ा संकट ये है कि आखिर बहुगुणा चुनाव लड़ें तो कहां से...कौन विधायक बहुगुणा के लिए सीट खाली करेगा। खबरें तो यहां तक हैं कि कांग्रेस अपने किसी विधायक से सीट खाली कराने की बजाए भाजपा के किसी विधायक से सीट खाली कराने की फिराक में है...जैसा 2007 में भाजपा ने किया था...औऱ धूमाकोट से कांग्रेस विधायक टीपीएस रावत को लोकसभा सीट का लालच देकर उनसे सीट खाली करवाई थी। अगर कांग्रेस की ये रणनीति सफल होती है तो कांग्रेस भाजपा से अपना बदला भी पूरा कर लेगी। हालांकि ये काम कांग्रेस के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं है...लेकिन फिर भी कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। खबर तो यहां तक है कि कांग्रेस की नजरें सहसपुर विधानसभा सीट पर है...जहां से भाजपा के सहदेव पुंडीर विधायक हैं...औऱ सहदेव पुंडीर बहुगुणा के लिए सीट भी खाली कर सकते हैं। कांग्रेस की ये रणनीति अगर फेल हो जाती है तो फिर लाख टके का सवाल ये है कि आखिर बहुगुणा को कौन सिपहसालार अपने नेता के लिए विधायकी से इस्तीफा देगा। गंगोत्री से विधायक विजयपाल सजवाण, रायपुर से विधायक उमेश शर्मा काउ, प्रतापनगर से विधायक विक्रम सिंह नेगी, नरेन्द्रनगर से विधायक सुबोध उनियाल औऱ टिहरी से निर्दलीय विधायक दिनेश धनै मुख्यमंत्री बहुगुणा के बाहद करीबी माने जाते हैं...और अपने नेता के लिए खाली कर सकते हैं सीट। हालांकि बहुगुणा के पास अभी चुनाव लड़ने के लिए करीब चार महीने का वक्त है...लेकिन बहुगुणा इस इंतजार को जल्द खत्म करना चाहेंगे...इसके लिए बकायदा जोड़ तोड़ शुरू भी हो गयी है...लेकिन लाख टके का सवाल बरकरार है कि आखिर वो चुनाव लड़ेंगे कहां से...कौन करेगा बहुगुणा के लिए सीट खाली। बहुगुणा की निगाहें भी अपनों की तरफ ही है लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद से बहुगुणा अपनों के भी कुछ नहीं कर पाए...अपने मंत्रिमंडल में किसी अपने को जगह नहीं दिला पाए...ऐसे में उनके अपने भी उनसे कहीं न कहीं नाराज़ भी है। बहरहाल भाजपा में सेंध लगाने के साथ ही अपनों को सीट खाली कराने के लिए मनाने की जोड़तोड़ जारी है...देखते हैं कांग्रेस की जोड़तोड़ क्या रंग लाती है...भाजपा के गढ़ में लगेगी सेंध या फिर कांग्रेस के गढ़ में ही होगी जंग...सवाल लाख टके का है...लेकिन जो भी हो जंग तो रोमांचक होने की उम्मीद है।

दीपक तिवारी
deepaktiwari555@gmail.com


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें