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बुधवार, 18 अप्रैल 2012

मंत्री बनेंगे हरक ?



मंत्री बनेंगे हरक ?

हरक सिंह रावत उत्तराखंड कांग्रेस में एक ऐसा नाम जो नेता प्रतिपक्ष होने के नाते चुनाव से पहले से ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री की बड़े दावेदार थे...लेकिन जब मुख्यमंत्री की कुर्सी न मिली तो हरक ने कर दी बगावत...ऐसे में हरक ने ऐलान कर दिया कि मुख्यमंत्री की कुर्सी न मिली न सही...लेकिन वे अब मंत्रीपद भी नहीं लेंगे...लेकिन फिर भी मंत्रीमंडल में एक कुर्सी खाली छोड़ दी गयी कि शायद देर सबेर हरक मान जाएंगे तो उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया जाएगा...लेकिन हरक नहीं मानें...ऐसे में हरक को डिप्टी सीएम बनाने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी...लेकिन जब आलाकमान ने प्रदेश में डिप्टी सीएम के पद से साफ इंकार कर दिया तो हरक को लेकर फिर असमंजस कि स्थिति बन गयी...कि आखिर हरक को कैसे एडजस्ट किया जाए। दिल्ली में आज के घटनाक्रम से एक बार फिर से हरक सिंह के मंत्री बनने की संभावनाएं प्रबल होने लगी हैं। दरसअल दिल्ली में डेरा डाले बैठे हरक ने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से आज सुबह उनके दिल्ली स्थित निवास में जाकर मुलाकात की...इस मुलाकात के तुरंत बाद बहुगुणा दस जनपथ पहुंचे...जहां पर उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की...जिसके बाद से ही ये चर्चाएं जोर पकडने लगी है कि बहुगुणा मंत्रिमंडल की खाली पड़ी कुर्सी शायद अब हरक सिंह को ही मिलेगी। पहले हरक की बहुगुणा से मुलाकात और फिर बहुगुणा का दस जनपथ पहुंचना ये साफ संकेत दे रहा है कि हरक सिंह को एडजस्ट करने की कवायद तेज हो गयी है...औऱ बहुत जल्द बहुगुणा आलाकमान के आदेश के बाद इसका ऐलान भी कर देंगे कि प्रदेश के 11वें कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ही होंगे। देर से ही सही हरक सिंह रावत को भी शायद ये एहसास हो गया होगा कि अब जिद पर अड़ने से कुछ नहीं होने वाला...जब हरीश रावत की बगावत उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी न दिला पायी तो कैसे उनकी ये तमन्ना पूरी होती। ऐसे में धारी देवी की कसम खाकर मंत्री पद न लेने का ऐलान करने वाले हरक सिंह रावत को समझ में आ गया होगा कि बिना कुर्सी के पांच साल सेवा करना आसान काम नहीं है...लिहाजा खाली पड़ी मंत्री की कुर्सी ले ही ली जाए...औऱ धारी देवी से कसम तोड़ने की माफी मांग ली जाए। वैसे भी हरक सिंह रावत राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं...इतना तो समझते ही होंगे कि राजनीति में सही समय पर सही फैसला लेने से चूक गये तो बाद में पछतावे के अलावा हाथ कुछ नहीं लगता।

दीपक तिवारी
deepaktiwar555@gmail.com

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