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गुरुवार, 17 अक्तूबर 2013

दोष आसाराम और नारायण का नहीं !

हमारे देश में आस्था का तोड़ नहीं है और आस्था अगर अंधी हो तो फिर क्या कहने। अंधी अस्था के सागर में डुबकी लगाने वालों से तो कोई जीत ही नहीं सकता। अब आसाराम के समर्थकों को ही देख लिजिए। ये आसारम के प्रति उनकी अंधी आस्था नहीं तो और क्या है। आसाराम जेल में बंद है, आसाराम का कुपुत्र नारायण साईं पुलिस के साथ चोर-सिपाही का खेल खेल रहा है, लेकिन इनके अंध समर्थकों को अब भी दोनों पाक साफ लगते हैं। उन्हें लग रहा है कि दोनों को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। माना कि मामला अदालत में है और दोनों अभी तक न्यायालय द्वारा दोषी करार नहीं दिए गए हैं, लेकिन बाप बेटे के खिलाफ रेप, यौन शोषण सहित तमाम आरोप और गवाह के सामने आने के बाद आसाराम का जेल पहुंचना और नारायण साई का सिर पर पैर रखकर भागना कम से कम ये तो जाहिर करता ही है कि दोनों पाक साफ तो नहीं है।
लाई डिटेक्टर मशीन के डर से आसाराम की याददाश्त भी वापस आ गयी और आसाराम को वह सब याद आ गया, जिन काली करतूतों को आसाराम ने संत का चोला ओढ़ कर अंजाम दिया था। अभी तक लड़की को पहचानने से ही इंकार करने वाले आसाराम को लड़की भी याद आ गयी और अपनी काली करतूत भी जो उसने पीड़िता के साथ की थी।
लेकिन इसके बाद भी आस्था के पुजारियों की आंखों से शर्म का पर्दा हटने को तैयार नहीं है। आसारम के अंध समर्थकों को अब भी अपने पूज्यनीय बापू पर पूरा भरोसा है। गजब है आस्था का अंध बाजार भी जहां बड़े-बड़े पापी भी आस्था के इन पुजारियों को संत नजर आते हैं। दुनिया दोष आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं को दे रही है, लेकिन वास्तव में इनका इसमें कोई कसूर नहीं है। कसूर है आंखें बंद कर आस्था के नाम पर ऐसे संतों को पूजने वालों का जो इन्हें सिर माथे पर बैठाने में देर नहीं करते हैं और इन्हें  भगवान से भी ऊंचा दर्जा दे देते हैं। अब इनके ये कथित भगवान क्या गुल खिला रहे हैं, वह सबके सामने हैं, लेकिन अफसोस इस बात का है कि इनकी आंखों पर अंधी आस्था का पर्दा इस तरह पड़ा हुआ है कि इन्हें अब भी संत का चोला ओढ़े ये ढोंगी बेदाग नजर आते हैं। इन्हें अब भी लगता है कि कोई चमत्कार होगा और कपड़े धोने का टाईड टाईप कोई डिटरजेंट अचानक से आएगा और आसाराम औऱ नारायण साईं पर लगे सारे आरोपों को कपड़े पर लगे किसी दाग की तरह धो देगा लेकिन इन अंध समर्थकों को कौन समझाए कि ये सिर्फ विज्ञापन में ही होता है, असल जिंदगी में नहीं। आंखे खोलों अंधी आस्था के पुजारियों वर्ना हिंदुस्तान में अंध अस्था की रायल्टी के सहारे भगवान बने बैठे ऐसे कई आसाराम और नारायण साईं आपको बेवकूफ बनाते रहेंगे।   


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