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शनिवार, 9 फ़रवरी 2013

क्या भारत पर फिर होंगे आतंकी हमले..?


21 नवंबर 2012 के बाद 09 फरवरी 2013 की सुबह भी भारत वासियों के लिए सुकून की खबर लेकर आई। देर से ही सही लेकिन भारत ने मुंबई हमले के आरोपी कसाब के बाद लोकतंत्र के मंदिर पर हमले के आरोपी अफज़ल गुरु को उसके अंजाम तक पहुंचा ही दिया।
हालांकि अफजल की फांसी को लेकर राजनीति का खेल भी खूब खेला गया और यूपीए सरकार पर अल्पसंख्यक वोटों की खातिर अफजल की फांसी को टालने तक के आरोप भी खूब लगे लेकिन अफजल की मौत के साथ ही भारत ने न सिर्फ आतंक के आकाओं को एक कड़ा संदेश दिया बल्कि भारत पर नापाक निगाह रखने वालों को चेता भी दिया कि भविष्य में किसी ने ऐसी हिमाकत करने की कोशिश की तो उसका हश्र भी कसाब और अफजल गुरु की तरह ही होगा।
कसाब के बाद अफज़ल का चैप्टर भी क्लोज हो चुका है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या अब भारत में भविष्य में इस तरह की आतंकी घटनाएं नहीं होंगी..?
क्या कसाब और अफजल की फांसी आतंकियों में मौत का डर पैदा कर पाएगी ये भी एक बड़ा सवाल है..?
भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के बाद उनको सजा में देरी क्या आतंकियों का मनोबल नहीं बढ़ाती..?
पकड़े जाने के बाद लंबे समय तक जेल में बंद रहने के दौरान आतंकी जेल में बंद अपने साथी को छुड़ाने के लिए कोशिश भी करते हैं...और इसके लिए निर्दोष लोगों को निशाना बनाते हैं।   
1971 में इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण करने वाला जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मकबूल बट्ट का मामला सामने है। किस तरह बट्ट को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद उसके साथियों ने ब्रिटेन में भारतीय राजनायिक रविन्द्र म्हात्रे का अपहरण कर भारत सरकार से बट्ट की रिहाई की मांग की थी और रिहाई न होने पर म्हात्रे की हत्या कर दी थी। हालांकि बट्ट को 11 फरवरी 1984 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी लेकिन इसके लिए भारत को अपने राजनायिक को खोना पड़ा था।
24 दिसंबर 1999 को एयर इंडिया के विमान आईसी– 814 के अपहरण मामला भी सामने है किस तरह पाकिस्तानी चरमपंथी विमान का अपहरण कर कंधार लेकर गए और विमान में सवार 176 यात्रियों की जान की कीमत भारत को आखिरकार तीन आतंकियों मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा करके चुकानी पड़ी जिन्हें हमारे सुरक्षाबलों ने अपनी जान की कीमत लगाकर बमुश्किल पकड़ा था।
जाहिर है जब तक आतंकियों के मन में जिंदा बचने की एक प्रतिशत भी उम्मीद बाकी रहेगी तब तक आतंकी अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की कोशिश करते रहेंगे..!
बहरहाल कसाब के बाद अफजल के अंत के बाद हम तो यही उम्मीद करेंगे कि आतंकवाद की पीड़ा को समय समय पर विभिन्न आतंकी हमलों के द्वारा झेलने के बाद भारत सरकार इस दिशा में अब कोई ठोस कदम उठाएगी ताकि आतंकी भारत की तरफ नजर उठाकर देखने से पहले भी लाख बार सोचें।। जय हिंद।।

deepaktiwari555@gmail.com

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