यूपीए सरकार को एक
और बधाई। एक और घोटाला जो सामने आया है भई..! वीवीआईपी के लिए 3600 करोड़ में 12 अगस्ता
वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदने के सौदे में करीब 360 करोड़ की दलाली जो हुई है। सरकार
की तेजी देखिए इटली में फिनमेकानिका कंपनी के सीईओ जेसेपी ओरसी की गिरफ्तारी होती
है और इधर सरकार सीबीआई जांच के आदेश दे देती है। लेकिन एक साल पहले जब इस मामले
में दलाली की खबरें आती हैं तो हमारी सरकार चुप्पी साध कर बैठ जाती है..!
3600 करोड़ के इस
रक्षा सौदे में अगर 360 करोड़ की दलाली हुई है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस
सौदे में भारत को अति सुरक्षित हेलिकॉप्टरों के नाम पर कितना चूना लगाया गया होगा।
इसमें एक और चीज गौर करने वाली है कि बोफोर्स के बाद वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की
खरीद का ये मामला भी इटली से ही जुड़ा हुआ है और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी
इटली की ही मूल निवासी हैं..! घोटाले के इस इटली कनेक्शन को अब सिर्फ एक इत्तेफाक माना जाए या कुछ और
लेकिन मतलब निकालने वाले तो इटली कनेक्शन के मन माफिक मतलब निकाल रहे हैं..!
कुल मिलाकर इटली की
कंपनी को इस डील में अच्छा खासा मुनाफा हुआ है और अति सुरक्षित हेलिकॉप्टरों के
नाम पर भारत का खजाना खाली हुआ है। इसके बाद भी इटली इस सौदे में हुए भ्रष्टाचार
को लेकर गंभीर है और बकायदा इसकी जांच के बाद फिनमेकानिका कंपनी के सीईओ की
गिरफ्तारी तक की जाती है जबकि फिनमेकानिका की सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के
प्रमुख ब्रूनो स्प्रेगनेलनी को नजरबंद कर दिया जाता है लेकिन भारत सरकार इस दलाली
की जानकारी एक साल पहले लगने पर भी कोई गंभीरता नहीं दिखाती है और इटली सरकार से
जानकारी मांगने की बात कहकर मामले को दबाने की कोशिश करती है।
जाहिर है अगर
घोटाला उजागर होता तो न सिर्फ सरकार की किरकिरी होती बल्कि सरकार की बैडबुक में एक
और पन्ना जुड़ जाता जिसका जवाब देना सरकार को भारी पड़ता और चुनावों के लिए विपक्ष
को एक और मुद्दा मिल जाता। शायद इसलिए ही एक साल पहले दलाली की खबर लगने के बाद भी
सरकार ने इस सौदे की परतें खोलने में दिलचस्पी नहीं दिखाई..!
लेकिन इटली में
फिनमेकानिका कंपनी के सीईओ की गिरफ्तारी के बाद मजबूरन भारत सरकार को भी आनन फानन
में मामले की सीबीआई जांच के आदेश देने पड़े जिसके बाद इस पूरी डील पर ही अब संकट
के बादल मंडराने लगे हैं।
हालांकि सीबीआई
जांच पर विपक्ष के साथ ही लोगों को पूरी सच्चाई सामने आने का भरोसा तो नहीं है...इसके
पीछे वजह सीबीआई की विश्वसनीयता को लेकर लगातार उठ रहे सवाल भी हैं। बीत कुछ समय
में सीबीआई पर इतने आरोप लग चुके हैं कि आम लोगों के मानस में भी अब ये सवाल बैठ
गया है कि क्या सीबीआई वाकई में सरकार के हाथ की कठपुतली है..?
बहरहाल इस रक्षा
सौदे की एक जांच इटली में चल रही है तो एक भारत में...ऐसे में कम से कम ये भरोसा
तो किया ही जा सकता है कि इस मामले में चाहकर भी सच पर पर्दा डालने की सरकार की
कोशिशें सफल नहीं हो पाएंगी यानि इटली के रास्ते ही सही लेकिन वो नाम देर सबेर देश के सामने जरूर आएगा जिसने 3600
करोड़ के इस सौदे में 360 करोड़ की दलाली खाई है।
deepaktiwari555@gmail.com
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