कांग्रेस में दो
चीजें खास हैं मनमोहन सिंह और राहुल गांधी...दोनों में भी एक चीज खास है...मनमोहन
सिंह देश के पीएम हैं तो राहुल गांधी कांग्रेसियों के पीएम इन वेटिंग। देश में कुछ
हो जाए मनमोहन सिंह मुंह नहीं खोलते और राहुल गांधी मुंह नहीं दिखाते। दोनों अचानक
से जाने कहां अंर्तधान हो जाते हैं। मौनी बाबा की आवाज सुनने को लोग तरस जाते हैं
लेकिन मौनी बाबा का मौन नहीं टूटता और राहुल गांधी तो ढूंढ़े नहीं मिलते। गनीमत है
सीमा पर भारतीय सैनिकों के साथ पाकिस्तान की बर्बरता पर पूरे एक सप्ताह बाद मनमोहन
सिंह को बोलने अनुमति मिली। मनमोहन सिंह अपना मौन इस घटना के तुरंत बाद तोड़ लेते
तो और ज्यादा प्रसन्नता होती। खैर देर आए दुरुस्त आए और पाकिस्तान के खिलाफ आपकी कठोर
वाणी सुनकर अच्छा लगा लेकिन कांग्रेस युवराज राहुल गांधी को लगता है अभी तक फुर्सत
नहीं मिली है। वो शायद अभी भी अंदरखाने कांग्रेस को मजबूत करने में लगे हैं..! वैसे राहुल जड़ों
तक जाकर कांग्रेस को कितना मजबूत कर रहे हैं इसका नतीजा हम पहले बिहार, फिर उत्तर
प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव में देख चुके हैं। खैर राहुल गांधी कुछ ज्यादा
ही व्यस्त हैं और ये व्यस्तता उनके लिए लगता है देश से भी बढ़कर है..! राहुल गांधी
केन्द्र सरकार की योजनाओं का तो खूब बखान करते हैं लेकिन देश के लिए वे मुंह नहीं
खोलते..! वे यूपीए सरकार
में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मंत्रियों की तो खूब पैरवी करते हैं लेकिन देश
के लिए शहीद सैनिकों की शहादत पर मुंह नहीं खोलते..! वे विपक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर तो
खूब बरसते हैं लेकिन हमारे सैनिकों का सिर कलम करने वाले पड़ोसी पाकिस्तान के
खिलाफ वे कुछ नहीं बोलते..! कांग्रेस पर कोई आरोप लगाए तो राहुल गांधी खूब गुर्राते हैं लेकिन देश
की सरहद में घुसकर पाकिस्तानी भारत पर वार करते हैं तो राहुल गांधी का खून नहीं
खौलता..! प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह तो रिमोट संचालित हैं और उनकी चुप्पी समझ में आती है..! लेकिन राहुल गांधी
के मामले में मेरा सामान्य ज्ञान लगता है थोड़ा कमजोर हैं..! राहुल गांधी क्या चीज
है समझने की बहुत कोशिश की लेकिन समझ में नहीं आया..! इतना जरूर समझ आया
कि इनके लिए देशभक्ति मायने नहीं रखती..! आपके पास जवाब हो तो जरूर शेयर कीजिएगा।
deepaktiwari555@gmail.com
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