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बुधवार, 14 अगस्त 2013

लेकिन प्रधानमंत्री से उम्मीद करते हैं कि…

पूरा देश आजादी की 67वीं वर्षगांठ के जश्न की तैयारियों में डूबा हुआ है। वर्ष में सिर्फ दो दिन (26 जनवरी और 15 अगस्त) मौन व्रत तोड़ने वाले हमारे प्रधानमंत्री माननीय मनमोहन सिंह के मौन टूटने का वक्त भी करीब आ गया है, उम्मीद करते हैं मनमोहन सिंह लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करने के बाद अपनी सोनिया मैडम की तरफ देखकर ये नहीं पूछेंगे कि ठीक है(जरुर पढ़ें-दिल्ली गैंगरेप- ठीक हैलोग इसे भी भूल जाएंगे !)
मनमोहन सिंह लाल किले की प्राचीर से यूपीए टू की उपलब्धियों को गिनाते हुए यूपीए टू के कार्यकाल को स्वर्णिम करार देते हुए देश को गर्व करने का मौका देंगे लेकिन उम्मीद करते हैं कि मनमोहन सिंह यूपीए टू के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे..!
माननीय प्रधानमंत्री जी उत्तराखंड में आई भीषण प्राकृतिक आपदा पर दुख जताते हुए इससे उबरने में उत्तराखंड राज्य सरकार की हर संभव मदद करने का ठोस आश्वासन देंगे और त्रासदी के वक्त दिल्ली के चक्कर लगाने वाले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की पीठ जरुर ठोकेंगे..! लेकिन उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री जी भीषण त्रासदी से निपटने में नाकाम बहुगुणा सरकार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलेंगे..!
माननीय मनमोहन सिंह अपने भाषण में सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों के हमले में शहीद हुए सैनिकों के प्रति दुख प्रकट करेंगे लेकिन उम्मीद करते हैं कि भारत की नाक में दम करने वाले अपने धूर्त पड़ोसी के खिलाफ लाल किले का प्राचीर से एक भी शब्द नहीं बोलेंगे..! हां, नवाज शरीफ की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए पाक प्रधानमंत्री को लंच या डिनर पर जरुर आमंत्रित करेंगे..!
पीएम साहब अपने भाषण में मंदी से निपटने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हर संभव कदम उठाने की बात तो करेंगे और देश की जनता का सामान्य ज्ञान ये कहकर बढ़ाएंगे कि पैसे पेड़ पर नहीं लगते लेकिन उम्मीद करते हैं कि मनमोहन सिंह साहब सुरसा के मुहं की तरह मुंह फाड़ती महंगाई पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ेंगे..! और न ही ये बताएंगे कि पैसे पेड़ पर नहीं लगते तो फिर कहां लगते हैं..? (जरुर पढ़ें- ठीक कहा प्रधानमंत्री जी...पैसे पेड़ पर नहीं लगते)।
आखिर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह साहब यूपीए सरकार को महंगाई के बोझ तले दबी और भूख और कुपोषण से मर रही देश की जनता की सबसे फिक्रमंद सरकार होने का तमगा खुद देंगे और जनता से एक बार फिर से 2014 में कांग्रेस पर भरोसा करने की अपील करेंगे लेकिन उम्मीद करते हैं कि मनमोहन सिंह यूपीए सरकार की नाकामी पर एक भी शब्द नहीं बोलेंगे और देश के सुरक्षा हालात, आर्थिक हालात के साथ ही भ्रष्टाचार और घोटालों के फेरहिस्त की तुलना पिछली सरकारों से करके अपने आंकड़ों को कम दिखाने की कोशिश नहीं करेंगे..!
अंत में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सभी भारतवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देने के साथ ये वादा करेंगे कि चाहे कुछ भी हो जाए मैं 26 जनवरी 2014 से पहले अपना मौन नहीं तोडूंगा..! जय हिंद !!


deepaktiwari555@gmail.com

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