दिल्ली गैंगरेप के
मुख्य आरोपी राम सिंह समेत सभी पांचों आरोपियों की फांसी की मांग तो गैंगरेप के
बाद से ही लगातार पुरजोर तरीके से उठ रही थी लेकिन जब इनमें से एक राम सिंह की
फांसी की खबर आई तो अपने आप में कई सवाल खड़े कर गयी। राम सिंह के परिजनों के
अलावा शायद ही किसी को राम सिंह की मौत का अफसोस होगा लेकिन इसके बाद भी राम सिंह
की मौत नयी बहस को जन्म देकर चली गयी..!
अतिसुरक्षित माने
जाने वाली दिल्ली की तिहाड़ जेल में अगर कोई कैदी आत्महत्या करता है तो सवाल उठने
लाजिमी है। ऐसे ही कुछ सवाल राम सिंह की फांसी लगाकर आत्महत्या के बाद भी उठ रहे
हैं। राम सिंह के परिजनों के आरोपों के बाद सवाल सिर्फ एक है कि राम सिंह ने
आत्महत्या की या फिर राम सिंह की हत्या की गयी..?
राम सिंह और उसके
साथियों ने 16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में चलती बस में जो किया उसके लिए मौत की
सजा भी कम है लेकिन पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद न्यायिक प्रक्रिया के दौरान
अति सुरक्षित माने जाने वाली तिहाड़ जेल में राम सिंह का फांसी के फंदे पर झूल कर
मौत को गले लगाना जेल प्रशासन के साथ ही में बंद कैदियों की सुरक्षा पर भी सवालिया
निशान लगाता है..?
बीबीसी के मुताबिक वर्ष
2010 में देश की 1393 जेलों में कुल 1436 कैदियों की मौत हुई इसमें 92 कैदियों की
मौत अस्वाभाविक कारणों से हुई, जिनमें आत्महत्या और कैदिया द्वारा हत्या शामिल है।
92 कैदियों में से भी 68 मौत आत्महत्या से हुई तो 12 कैदियों की साथी कैदियों ने
हत्या की। साल 2000 से अब तक के आंकड़ें कहते हैं कि 12 सालों में भारतीय जेलों
में 10 हजार से ज्यादा मौत हो चुकी है। सिर्फ तिहाड़ जेल की ही अगर बात करें तो
बीते साल तिहाड़ में 18 कैदियों की मौत हुई है जिनमें से दो मामले आत्महत्या के थे। 15 दिनों में तिहाड़
में तीसरी आत्महत्या की घटना ने सबके होश उड़ा के रख दिए हैं।
इस बात को नहीं
नकारा जा सकता कि भारतीय जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखा जाता है और
मौजूदा जेल स्टॉफ सभी कैदियों पर नजर नहीं रख सकता है लेकिन कड़े सुरक्षा इंतजामों
वाले सेल में राम सिंह का फांसी के फंदे पर झूल जाना जेल प्रशासन की गंभीर चूक की
ओर ईशारा करता है।
ऐसे में अगर राम
सिंह के परिजन तिहाड़ जेल प्रशासन पर जेल में हत्या के आरोप लगा रहे हैं तो इस पर
हैरान होने की कोई बात नहीं है। ऐसे में सुरक्षा में चूक की बात जब केन्द्रीय
गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी स्वीकार कर चुके हैं तो अब राम सिंह की
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मामले की जांच के बाद सच्चाई से पर्दा उठने की उम्मीद है
कि राम सिंह ने वाकई में आत्महत्या की या फिर राम सिंह की हत्या किए जाने के राम
सिंह के परिजनों के आरोपों में दम है..!
बहरहाल राम सिंह की
मौत ने एक बार फिर से भारतीय जेलों में कैदियों की सुरक्षा के बहाने भारत की सुस्त
व लंबी न्याय प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े दिए हैं..? जेल में बंद
विचाराधीन कैदियों के सालों से लंबित पड़े मामले कहीं न कहीं कैदियों के मानस पर गहरा
असर डालते हैं जिनके परिणाम जेल में आए दिन कैदियों की आत्मह्त्या की खबर के रूप
में सामने आते हैं। ये वक्त सिर्फ राम सिंह की आत्महत्या या हत्या के मसले को
सुलझाने का ही नहीं है बल्कि देश की विभिन्न अदालतों में सालों से विचाराधीन
मामलों के निपटारे में तेजी लाने के संबंध में ठोस कदम उठाने पर विचार करने का भी
है।
deepaktiwari555@gmail.com
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