सर्वोच्च न्यायालय ने 20 साल पहले 12
मार्च पहले 1993 में हुए मंबई ब्लास्ट के सिलसिले में अवैध हथियार रखने का दोषी
पाए जाने पर फिल्म अभिनेता संजय दत्त की 5 साल की सजा पर मुहर लगा दी है। आमतौर पर
किसी को उसके किए की सजा मिलने पर हालांकि दोषी से साहनुभूति रखने वाले उसके परिजन
और रिश्तेदार ही होते हैं लेकिन संजय दत्त के मामले में तस्वीर कुछ अलग दिखाई दे
रही है।
फिल्म अभिनेता होने के नाते संजू बाबा से
सहानुभूति रखने वालों प्रशंसकों की तादाद खासी है जिनमें से अधिकतर को अभी भी ये
लगता है कि कम से कम संजय दत्त को तो सजा नहीं सुनाई जानी चाहिए थी..! हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने संजय दत्त की सजा को 6 साल से घटाकर 5 साल कर
दिया है और 18 महीने जेल में काट चुके संजू बाबा को करीब साढ़े तीन साल जेल में
काटने होंगे।
कुछ ही घंटों के अंतराल में देश की आर्थिक
राजधानी में 12 बम धमाके, 257 लोगों की मौत, 713 घायल और करोड़ों का नुकसान...ये कोई
छोटी घटना नहीं थी। 20 सालों में बहुत कुछ बदल गया बंबई का नाम बदलकर मुंबई हो गया।
इसी तरह 18 महीने जेल में बिताने के बाद संजय दत्त की जिंदगी में भी कई बदलाव
देखने को मिले। संजय ने फिल्मों में वापसी के साथ ही राजनीति जुड़कर समाज की
मुख्यधारा में लौटने के तमाम प्रयास भी किए जिसमें वे सफल भी होते दिखाई दिए लेकिन
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर से संजय दत्त की जिंदगी सलाखों के पीछे
लाकर खड़ी कर दी है। ये संजय दत्त की वो रियल लाईफ है जहां संजयद दत्त को चाहकर भी
रिटेक का मौका नहीं मिलने वाला यानि कि जो गुनाह आपने किया है उसकी सजा आपको
भुगतनी ही पड़ेगी।
संजय ने कई फिल्मों में बेहतरीन अभिनय
किया...कभी वे पुलिसवाले के किरदार में ईमानदार अफसर की भूमिका में बदमाशों को
सलाखों के पीछे धकेलते नजर आए तो कई बार खलनायक और डॉन के रूप में। कभी संजू बाबा
गांधी जी के आदर्शों पर चलते हुए गांधीगिरी करते नजर आए तो कई बार मुन्नाभाई के
रूप में लोगों को गुदगुदाते नजर आए लेकिन 1993 में संजय की जिंदगी में भूचाल लाने
वाली मुंबई ब्लास्ट का दि एंड पांच साल जेल की सजा के साथ होगा ऐसा शायद ही संजय
दत्त और उनके प्रशंसकों ने कभी सोचा होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में जिस
तरह संजय दत्त के अपराध की प्रकृति को गंभीर बताते हुए 5 साल सजा का फैसला सुनाया वो
अपने आप में एक नजीर की तरह है।
संजू बाबा से सहानुभूति रखने वालों की
तादाद में भले ही उनके प्रशंसकों के अलावा बॉलिवुड की हस्तियां और राजनीतिक लोग भी
हैं जो संजय दत्त को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद भी बेगुनाह ठहरा रहे हैं
लेकिन इस फैसले ने देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसे को और मजबूत ही किया है।
ये एक कलाकार को चाहने वालों के लिए एक
बुरी खबर जरूर हो सकती है लेकिन ये न्याय की जीत है जो न्याय व्यवस्था पर लोगों के
भरोसे को मजबूती प्रदान करती है। ये फैसला खासतौर पर उन कथित बड़े लोगों के लिए एक
सबक है जो ये सोचते हैं कि वे कहीं भी, कभी भी, कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं और
उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता..!
लेकिन इस तस्वीर का एक अफसोसजनक और दुखद पहलू
ये भी है कि इस धमाके के 20 साल बाद भी धमाकों के मास्टरमाइंड आज भी खुली हवा में
सांस ले रहे हैं जो अपने आप में कई सवाल खड़े करता है..?
deepaktiwari555@gmail.com
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