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गुरुवार, 31 जनवरी 2013

क्या विश्व देखा पाएगा “विश्वरूपम” का रूप ?


विश्वरूपम को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है और बढ़ते विवाद के चलते ही विश्वरूपम का रूप विश्व के सामने नहीं आ पा रहा है। दक्षिण के बाद अब उत्तर भारत में भी फिल्म के रिलीज पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मामला मद्रास हाईकोर्ट में है तो इस बीच बयानबाजी के दौर भी जारी है। करूणानिधि ने इसमें भी राजनीति तलाश ली है और वे कहते हैं कि एक कार्यक्रम में कमल हासन ने पी चिदंबरम की तारीफ कर दी...बस इसी से जयललिता नाराज हो गई हैं और फिल्म की रिलीज पर बैन लगा दिया..!
हालांकि जयललिता ने आरोप लगाने वालों पर मानहानि का केस करने के साथ ही फिल्म को लेकर 24 मुस्लिम संगठनों के विरोध को दरकिनार नहीं किए जाने की सरकार की मजबूरी बताकर अपनी सफाई भी पेश कर दी है लेकिन खामियाजा न तो करूणानिधि भुगत रहे हैं और न ही जयललिता...खामियाजा भुगत रहा है एक कलाकार..! कमल हासन के मुताबिक अपना सब कुछ इस फिल्म में दांव पर लगा दिया है।
फिल्म इंडस्ट्री भी कमल हासन के समर्थन में खड़ी है...सलमान लोगों से फिल्म पर बैन के खिलाफ बगावत की अपील कर चुके हैं तो तमाम फिल्मी हस्तियां भी फिल्म में बैन के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं लेकिन तमिलनाडु में विश्वरूपम में बैन का ग्रहण फिलहाल छंटता नहीं दिख रहा है..!
बकौल जयललिता सरकार राज्य में 524 थियेटरों को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकती...इसके पीछे मान लेते हैं कि सरकार की कानून व्यवस्था को लेकर अपनी मजबूरियां हैं...7 करोड़ लोगों पर सिर्फ 87 हजार का पुलिसबल है लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि एक फिल्म जो मनोरंज का साधन होने के साथ ही लोगों के लिए एक संदेश भी छोड़ कर जाती है क्या लोगों को आपस में बांट सकती है या देश की आबोहवा में जहर घोल सकती है..?
जो जानकारी है कि फिल्म अफगानिस्तान में आतंकवाद पर बनी है और भारत का उससे कोई संबंध नहीं हैं लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं निकाला जा सकता कि फिल्म में आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा होगा या फिल्म में आतंकवादी बनने का संदेश दिया जा रहा होगा या किसी धार्मिक ग्रंथ का अपमान किया गया होगा...ऐसा होता तो क्या सेंसर बोर्ड जैसी जिम्मेदार संस्था फिल्म को हरी झंडी देती..!
ऐसा होता तो क्या कमल हासन अपना सब कुछ एक फिल्म में दांव पर लगा देते..! कमल हासन एक अच्छे कलाकार हैं और लंबे अरसे से फिल्म इंडस्ट्री में है ऐसे में वे ये अच्छी तरह समझते होंगे कि ऐसा करके वे अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मारने का काम करते और शायद इसलिए कमल हासन मुस्लिमों के लिए फिल्म की अलग से स्क्रीनिंग करने को भी तैयार थे लेकिन इसके बाद भी फिल्म को लेकर कुछ मुस्लिम संगठनों का विरोध नहीं थमा और राज्य सरकार ने उनके कहने पर फिल्म की रिलिज पर बैन लगा दिया..!
बहरहाल अच्छी बात ये है कि कमल हासन फिल्म से उन दृश्यों और डॉयलाग को हटाने पर सहमत हो गए हैं जिन पर आपत्ति जतायी जा रही है और जयललिता ने भी कांटछांट होने पर फिल्म की रिलीज में आपत्ति न होने की बात कही है ऐसे में उम्मीद करते हैं कि विश्वरूपम से विवादरूपम बन चुकी कमल हासन की फिल्म का विवादों से पीछा छूटे और इस विवाद का पटाक्षेप हो और समूचा विश्व विश्वरूपम का रूप देखे।  

deepaktiwari555@gmail.com

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