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गुरुवार, 12 जुलाई 2012

वो तेरे नसीब की बारिशें किसी और छत पर बरस ग

वो तेरे नसीब की बारिशें किसी और छत पर बरस गयी...जो तुझे मिला उसे याद रख...जो न मिला उसे भूल जा....प्रकाश पंत के लिए बहुगुणा का शेर...

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