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रविवार, 30 मई 2010

नक्सलवाद...आतंकवाद से बड़ा खतरा।



आज हम पडोसी देश में पनप रहे आतंकवाद से निपटने की बात करते हैं। देश के सुरक्षा खर्च पर करोडो रूपये खर्च कर रहे हैं। लेकिन आज आतंकवाद से बड़ा खतरा हमारे देश में पनप रहा है, और वह खतरा है नक्सलवाद, जो समय -समय पर कभी निर्दोष लोगो की जान लेकर तो कभी हमारे वीर जवानों का खून बहाकर सरकार को अपनी ताकत का एहसास करता रहता है...और हाल में छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में हुई नाक्साली वारदातों ने पर मुहर भी लगा दी है। बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में नक्सलवाद आज एक नासूर की तरह फ़ैल चूका है...लेकिन नक्सलवाद को ख़त्म करने की बजाये हमारी सरकार उन्हें बात करने का न्योता दे रही हैं। नक्सली लगातार निर्दोष लोगो की हत्या कर रहे हैं, और हम उन्हें बातचीत की लिए आमंत्रित कर रहे हैं। आखिर क्यों नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कारवाही नहीं की जा रही...इसका जवाब शायद हमारी सरकार के पास नहीं है। क्योंकि कमबख्त राजनीती बड़ी खराब भी चीज है...हर जगह आड़े आ जाती है...आखिर यही तो मौका है राजनैतिक दलों को अपनी राजनीती चमकाने का...बेगुनाह लोग मरते रहे, वीर जवान शहीद होते रहें...उन्हें क्या फर्क पड़ता है...उनमे कोई उनका अपना तो नहीं है ना....शायद होता तो उन्हें भी किसी अपने के खोने का एहसास होता...उन्हें तो बस ख़बरों में रहना आता है। अब वक़्त आ गया है की राज्य सरकारें और केंद्र सरकार जागे, इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने की बजाये...एक दूसरे पर दोष मढ़ने की बजाये एकजुट होकर नासूर की तरह भारत में फ़ैल रहे नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए कारगर कदम उठाये....क्योंकि सरकारें अभी भी नहीं जागी तो आने वाले कल की तस्वीर और भी भयावह होगी। नक्सलियों के खिलाफ सख्त कदम उठा कर जंगलो में में घुसकर उनको खत्म करना होगा क्योंकि जब तक हम अपने देश के अन्दर बैठे दुशमन (नक्सलवाद) को खत्म नहीं करेंगे...पडोसी देशों में पनप रहे आतंकवाद के खतरे से हम नहीं लड़ पाएंगे।
deepaktiwari555@gmail.com

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